बिलासपुर फ्लाई ओवर का मुद्दा- कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित निर्माण प्रक्रिया की हो जांच : पर्ल चौधरी

क्या निर्माण कार्य आरंभ करने से पहले दिवालिया हो गई कंस्ट्रक्शन कंपनी

कंस्ट्रक्शन कंपनी क्या और कहीं भी कर रही है निर्माण के कार्य

करोड़ों के प्रोजेक्ट में बैंक गारंटी  देनी भी होती है अनिवार्य

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम । संडे को बिलासपुर खुर्द के हनुमान मंदिर परिसर में बिलासपुर प्लाई ओवर निर्माण के मुद्दे पर बुलाई गई महापंचायत में चौंकाने वाला खुलासा किया गया। बताया गया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी अथवा कॉन्टैक्टर काम छोड़कर गायब है या फिर चला गया। चौंकाने वाला खुलासा महापंचायत में पहुंचे मानेसर के एसडीएम दर्शन सिंह यादव के द्वारा किया गया । इसी महापंचायत में पहुंची सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी एससी सेल की प्रदेश महासचिव पर्ल चौधरी ने एसडीएम दर्शन सिंह के द्वारा किए गए खुलासा को बेहद गंभीरता से लिया। 

कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित कॉन्टैक्टर तथा पूरे प्रोजेक्ट के टेंडर जारी किए जाने की प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच की मांग की है । उन्होंने हैरानी जाहिर करते हुए कहा क्या फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही या किया जाने से पहले ही संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी अथवा कॉन्टैक्टर दिवालिया हो गया ? उन्होंने सवाल उठाया की इस प्रोजेक्ट में कहीं भ्रष्टाचार का कोई खेल तो नहीं खेला गया है ? उन्होंने कहा करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट के टेंडर की प्रक्रिया में राज्य सरकार या केंद्र सरकार की एजेंसियां और मंत्रालय हर पहलू पर बेहद बारीकी से नजर रखने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया को पूरा करते हैं । टेंडर के लिए भी पहले से ही कंडीशन अथवा शर्तें निर्धारित कर दी जाती है। जिनका पूरा किया जाना टेंडर लगाने वालों के लिए जरूरी होता है।

कांग्रेस नेत्री श्रीमती चौधरी ने कहा सबसे पहले तो इस बात की ही जांच होनी चाहिए कि बिलासपुर फलाई ओवर कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा निर्माण साइट पर प्रोजेक्ट संबंधित बोर्ड या डिस्प्ले लगाया भी गया या नहीं । ऐसा किया जाना बहुत जरूरी होता है।  डिस्प्ले या बोर्ड पर सभी प्रकार की जानकारियां भी लिखी होती हैं । उन्होंने कहा ऐसी भी चर्चा सुनी गई थी कि बिलासपुर साइट का काम छोड़कर संबंधित कंस्ट्रक्शन कंपनी अथवा कॉन्टैक्टर किसी अन्य साइट पर काम कर रही है । जिस प्रकार का खुलासा संडे को महा पंचायत में हरियाणा सरकार के ही अधिकारी के द्वारा किया गया उसके बाद से केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय और इसके अधिकारियों के द्वारा जल्द से जल्द करवा कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

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