·       2 महीने बाद विधान सभा चुनाव में हरियाणा की जनता बीजेपी को वोट देना भी भूल जाएगी – दीपेन्द्र हुड्डा

·       नयी कोई परियोजना देना तो दूर10 साल पहले हमारे द्वारा मंजूरशुदा बड़ी परियोजनाओं के लिए भी कोई बजट आवंटन नहीं दिया – दीपेन्द्र हुड्डा 

·       मेट्रो विस्तार, RRTS परियोजनाओं, रेल कोच फैक्ट्रीबाढ़सा एम्स-2 परिसर के मंजूरशुदा संस्थानडिफेन्स यूनिवर्सिटी के लिए कोई बजट नहीं दिया – दीपेन्द्र हुड्डा 

·       क्षेत्रीय संतुलन के नाम पर ये बजट एक मज़ाक है, ये बजट एक सौदेबाजी है और केवल 2 प्रदेशों तक सीमित है – दीपेन्द्र हुड्डा

·       केन्द्रीय बजट पूरी तरह निराशाजनक, बढ़ती महंगाई, रिकार्ड बेरोजगारी के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया – दीपेन्द्र हुड्डा

चंडीगढ़, 23 जुलाई। केन्द्रीय बजट को पूरी तरह निराशाजनक बताते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार केन्द्रीय बजट में हरियाणा का नाम लेना भी भूल गई। लेकिन 2 महीने बाद विधान सभा चुनाव में हरियाणा की जनता बीजेपी को वोट देना भी भूल जाएगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ये कैसा बजट है जिसमें देश की ज्वलंत समस्याएं, बढ़ती हुई महंगाई, रिकार्ड स्तर पर बेरोजगारी, जो देश का युवा झेल रहा है उसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया। न ही इसके लिए कोई आवंटन या कोई कदम उठाया गया। देश के किसान व गरीब जैसे बड़े वर्गों को राहत की उम्मीद थी, उन्हें कोई राहत नहीं दी गई।

दीपेंद्र हुड्डा ने आज पेश हुए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बार बजट में हरियाणा फिर से खाली हाथ रहा। इसमें हरियाणा के लिए कोई नयी परियोजना देना तो दूर, 10 साल पहले हमारे द्वारा मंजूरशुदा परियोजनाओं के लिए भी कोई बजट आवंटन नहीं दिया गया। मेट्रो विस्तार, RRTS परियोजनाएं – दिल्ली-सोनीपत-पानीपत, दिल्ली-गुड़गाँव-अलवर, दिल्ली-रोहतक-हिसार, रेल कोच फैक्ट्री, बाढ़सा एम्स-2 परिसर के मंजूरशुदा संस्थान, डिफेन्स यूनिवर्सिटी समेत हमारे द्वारा मंजूर कराई गई सारी बड़ी परियोजनाएं पिछले 10 वर्षों की तरह एक बार फिर खाली हाथ रह गयीं। यह ऐसा  बजट है जिसमें हरियाणा को हर तरह से मायूसी मिली। दीपेन्द्र ने यह भी जोड़ा कि ये बजट एक सौदेबाजी है और अल्पमत सरकार की मज़बूरियों के चलते सारा ध्यान केवल 2 प्रदेशों पर केंद्रित है। इसके अलावा क्षेत्रीय संतुलन के नाम पर ये बजट एक मज़ाक है। वोट के लिए बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री हरियाणा आकर चुनावी नारे गढ़ते हैं लेकिन जब हरियाणा को कुछ देने की बारी आती है तो चुपचाप किनारा कर लेते हैं।

उन्होंने कहा कि पहले के वर्षों की तरह ही इस वर्ष भी केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट से आम लोगों को निराशा हाथ लगी है। ये बजट जनविरोधी और महंगाई को बढ़ावा देने वाला है। बढ़ती महंगाई से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है, लोगों का कमाना खाना तक मुश्किल हो गया है। डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस समेत खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। रिकार्ड महंगाई से महिलाओं की रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है। अब तो हालत ये है कि आम लोगों की थाली से सब्जी और दाल तक दूर हो चुकी है।

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