दफ्तर हो या अस्पताल, चारों ओर जनता बेहाल : कुमारी सैलजा

कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ की हड़ताल से न रजिस्ट्री न इंतकाल

चंडीगढ़, 17 जुलाई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकारा नीतियों के कारण आज प्रदेश की जनता और सभी कर्मचारी परेशान हैं। प्रदेश में चाहे दफ्तर हो या अस्पताल हर जगह जनता बेहाल दिखाई देती है। पहले डॉक्टर की हड़ताल से मरीज परेशान रहे और अब कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ की हड़ताल से रजिस्ट्री और इंतकाल का कार्य प्रभावित हो रहा है। कर्मचारी तो कर्मचारी  आम जनता को भी भारी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है। कांग्रेस की सरकार बनने पर जनहितैषी नीतियां बनाई जाएंगी, जिससे न तो किसी कर्मचारी को हड़ताल पर जाना पड़े और ना ही आम जनता को समस्या हो।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार की किसी भी नीति को जनता ने नहीं सराहा क्योंकि प्रदेश सरकार की नीतियां कर्मचारियों और आम जनता के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। प्रदेश भर में जहां देखा सरकार की नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन और हड़ताल हो रही है। जनता में असुरक्षा की भावना पैदा हो चुकी है, जिस प्रदेश में जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो और स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हो तो वहां की सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है, ऐसी तानाशाह सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता उखाड़ कर फेंक देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर गत सोमवार को हड़ताल पर रहे, हड़ताल पर जाने से पूर्व हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को अवगत करवाया दिया था पर सरकार तब भी नींद से नहीं जागी। प्रदेश में करीब 10 हजार डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में होने चाहिए, लेकिन इस समय राज्य में डॉक्टरों की संख्या लगभग तीन हजार है। एक डॉक्टर पर मरीजों का काफी भार है। डॉक्टर सरकार के सामने अपनी मांगों को लगातार उठाते आ रहे हैं, पर उनकी ओर सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार डॉक्टरों को आश्वासनों का झुनझुना ही थमाती आ रही है।

उन्होंने कहा कि अब हरियाणा कंप्यूटर प्रोफेशनल्स से जुड़े कंप्यूटर ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होने के कारण एक ओर जहां राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा हैै वहीं लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। एसडीएम, तहसील कार्यालय व सरल केंद्र में जमीनों की रजिस्ट्री, रिहायशी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, इंतकाल, जमाबंदी, फर्द, वाहन रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, पटवारियों से संबंधित कार्य सहित ऑनलाइन काम प्रभावित हुए। कंप्यूटर प्रोफेशनल्स की मांग है कि सभी डीआईटीएस का केंद्रीकरण करके बजट का प्रावधान किया जाए, सभी कार्यरत्त कर्मचारियों के पद सर्जित किए जाए, एचकेआरएनएल में भेजे गए सभी कर्मचारियों को वापिस डीआइटीएस में शामिल किया जाए, समान काम समान वेतन दिया जाए, 58 वर्ष तक सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए, सरकार रेगुलाइजेशन एक्ट लेकर आती है, उसमें डीआईटीएस को शामिल कराना हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर जनहितैषी नीतियां बनाई जाएंगी, जिससे न तो किसी कर्मचारी को हड़ताल पर जाना पड़े और ना ही आम जनता को समस्या हो।

बरसाती पानी निकासी के लिए अमरूत योजना का अरबों बह गया पानी में

जब भी बरसात होती है तो प्रदेश का कोई ऐसा जिला या शहर नहीं है जहां पर जलभराव न हुआ हो। वर्षा के बाद प्रदेश के विभिन्न शहरों की जो हालात है उसे सरकार देख भी रही है पर कुछ कर नहीं पा रही है। वर्ष 2015 में जुमला सरकार ने अनेक शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने और अमरूत योजना के तहत बरसात के पानी की निकासी के लिए अरबों रुपए की घोषणा की थी। प्रदेश के अनेक शहरों सिरसा फतेहाबाद, करनाल, फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की गई थी। वर्षा के बाद सिरसा और गुरुग्राम की भी हालत बद से बदतर हो जाती है। सिरसा में बरसाती पानी की निकासी के नाम पर 37 करोड़ रुपये की राशि लगाई गई, यह धनराशि भी बरसाती पानी के साथ बह गई। अरबों रुपये की राशि खर्च की सरकार बरसाती पानी नहीं निकलवा पाई आज भी जनता जलभराव की समस्या से जूझ रही है।

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