प्री मानसून वर्षा में सबसे बुरा हाल रेवाडी, गुरूग्राम व फरीदाबाद शहर का हुआ है जहां पहली ही बरसात ने शहरी नागरिकों को नरक का एहसास दिलवा दिया : विद्रोही
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मांग की कि वे इस बात की जांच करवाये कि इस साल प्री-मानसून की सफाई के लिए विभिन्न जिलों को आवंटित बजट कहां गया? विद्रोही
पारदर्शिता व शुचिता का तकाजा है कि सरकार इस बात की जांच करवाये कि सफाई का यह पैसा कौन खा गया और नागरिकों को इस भ्रष्टाचार के कारण नरक में धकेलने का जिम्मेदार कौन है? विद्रोही
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29 जून 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मांग की कि वे इस बात की जांच करवाये कि इस साल प्री-मानसून की सफाई के लिए विभिन्न जिलों को आवंटित बजट कहां गया? विद्रोही ने कहा कि पूरे प्रदेश में हुई प्री मानसून वर्षा ने सरकार, प्रशासन की सफाई व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। पहली ही बरसात में जिस तरह पूरा प्रदेश कीचड़, गदंगी का ढेर बन गया, वह बताता है कि अपने वाले दिनों में मानसून वर्षा में क्या होने वाला है। सवाल उठता है कि मानसून से पहले ही विभिन्न जिलों में भेजा गया सफाई बजट चला कहां गया? जमीन पर तो वह खर्च कहीं दिख नही रहा। प्री मानसून वर्षा में सबसे बुरा हाल रेवाडी, गुरूग्राम व फरीदाबाद शहर का हुआ है जहां पहली ही बरसात ने शहरी नागरिकों को नरक का एहसास दिलवा दिया। इन तीनों शहरों में जलभराव हुआ, नाले-नालिया, सीवर, कीचड़ से अट गए व पानी निकासी मार्ग अवरूद्ध हो गए।
विद्रोही ने कहा कि कोई अंधा भी इन हालातों को देखकर बता सकता है कि भाजपा सरकार ने सफाई के नाम पर एक पैसा भी खर्च नही किया। फिर सवाल उठता है कि सफाई का यह पैसा कहां चला गया? कौन खा गया यह पैसा? पारदर्शिता व शुचिता का तकाजा है कि सरकार इस बात की जांच करवाये कि सफाई का यह पैसा कौन खा गया और नागरिकों को इस भ्रष्टाचार के कारण नरक में धकेलने का जिम्मेदार कौन है? जब भाजपा सरकार का प्रशासन नाले, नालिया, सीवरों व पनी निकासी मार्गो की भी यदि सफाई नही करवा सकते तो वे नागरिक सुविधाओं का आधारभूत मजबूत ढांचा कैसे तैयार करेंगे? विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने विगत दस सालों में रेवाडी, गुरूग्राम, फरीदाबाद में नागरिक सुविधाओं का आधारभूत ढांचा मजबूत करने जनसंख्या के अनुसार नया नागरिक सुविधा आधारभूत ढांचा बनाने के लिए जुमलेबाजी के सिवाय कुछ नही किया जो दक्षिणी हरियाणा की उपेक्षा व भेदभाव को भी दर्शाता है। विद्रोही ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे गंभीरता से विचारे जो सरकार सफाई जैसी मूलभूत आवश्यकता का काम भी करवाने में असमर्थ हो, ऐसी जनविरोधी सरकार जनहित का कार्य क्या खाक करेगी?