भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा और विकास बोर्ड और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के बीच हुई बैठक। कुलपति डॉ. राज नेहरू और बोर्ड के महा निदेशक कर्नल नीरज शर्मा के बीच श्रमिकों को कौशल प्रदान करने की संभावनाओं पर हुआ मंथन। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक पलवल : भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा और विकास बोर्ड श्रमिकों को कौशल प्रदान के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ तालमेल स्थापित करेगा। श्रमिकों को कौशल प्रदान कर उन्हें अधिक सक्षम बनाने की योजना पर कार्य होगा। इस संबंध में बोर्ड के महानिदेशक कर्नल नीरज शर्मा ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और कुलपति डॉ. राज नेहरू के साथ बैठक की। इस बैठक में मंथन किया गया कि विश्वविद्यालय की विशिष्टता और संसाधनों का उपयोग संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को कुशल बनाने हेतु किस प्रकार से किया जाए। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने अपनी प्रयोगशालाओं से लेकर फैकल्टी तक सभी संसाधन मुहैया करवाने की पेशकश की। साथ ही उन्होंने बोर्ड के महानिदेशक कर्नल नीरज शर्मा के साथ वार्ता में रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) के अंतर्गत अनुभवी श्रमिकों को सर्टीफाई करने की संभावनाओं पर भी बल दिया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि स्किलिंग, री स्किलिंग, अप स्किलिंग और क्रॉस स्किलिंग हमारा प्रमुख उद्देश्य है, ताकि हुनरमंद होकर सब अच्छे रोजगार से जुड़ें और विकसित भारत के संकल्प में अपना योगदान दें। बोर्ड के महा निदेशक कर्नल नीरज शर्मा ने कहा कि हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक श्रमिकों को कुशल बनाना है। इसलिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। कर्नल नीरज शर्मा ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संसाधनों का सदुपयोग करते हुए इस अभियान को आगे बढ़ाने लिए शीघ्र ही योजना तैयार की जाएगी। विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने श्रम मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल के सामने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और उन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भ्रमण करवाया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा, बोर्ड के शिक्षा उप निदेशक करनैल सिंह, क्षेत्रीय निदेशक अमिताभ प्रकाश और शिक्षा अधिकारी अभिजीत चाक उपस्थित थे। Post navigation एसवीएसयू के 11 विद्यार्थियों की हुई प्लेसमेंट ….. कौशल शिक्षा का देश के विकास में बड़ा योगदान : डॉ. राज नेहरू