मुख्यमंत्री के तौर पर वेतन प्राप्त करने के लिए विधानसभा सदस्य वेतन कानून नहीं होता लागू 

मौजूदा 17वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा  होने तक नायब सिंह  सांसद के तौर पर भी वेतन- भत्ते प्राप्त करने  योग्य  — एडवोकेट

चंडीगढ़ – इसी माह  12 मार्च को हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर नियुक्त हुए  नायब सिंह सैनी, जो वर्तमान में  प्रदेश की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से  सांसद भी  हैं, राज्य की मौजूदा 14वीं विधानसभा के सदस्य अर्थात विधायक निर्वाचित हुए बगैर भी  प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर पूरा वेतन और भत्ते (निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और टेलीफोन भत्ता छोड़कर) प्राप्त करने के कानूनन योग्य है.

 पंजाब और हरियाणा के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक  हेमंत कुमार ने बताया कि जहाँ तक हरियाणा के मुख्यमंत्री और मंत्रियों (कैबिनेट मंत्री एवं राज्य मंत्री दोनों) को मिलने वाले  वेतन-भत्ते  (निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और टेलीफोन भत्ता छोड़कर) का विषय है, तो वह उन्हें   प्रदेश विधानसभा के सदस्यों  अर्थात विधायकों पर लागू होने वाले हरियाणा विधानसभा सदस्य (वेतन, भत्ते एवं पेंशन) कानून, 1975 के प्रावधानों के अंतर्गत नहीं बल्कि हरियाणा मंत्रिगण वेतन एवं भत्ते कानून, 1970 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राप्त होते हैं. 

इस प्रकार हरियाणा में अगर कोई गैर-विधायक मुख्यमंत्री या फिर  मंत्री नियुक्त होता है, तो बेशक उसे उसकी  नियुक्ति से 6 महीने की अवधि के भीतर प्रदेश विधानसभा का सदस्य (विधायक) निर्वाचित होना कानूनन अर्थात संवैधानिक तौर पर आवश्यक   है परन्तु जहाँ तक ऐसे गैर-विधायक मुख्यमंत्री अथवा  मंत्री को मिलने वाले वेतन और भत्ते जैसे सम्प्चुअरी (सत्कार) भत्ता का विषय है, तो वह उसे विधायक बनने से पूर्व भी प्राप्त होगा. इसके अतिरिक्त उसे  सरकारी आवास या उसके एवज में निर्धारित भत्ता, सरकारी गाड़ी या उसके एवज में  क्न्वेयंस (वाहन भत्ता) और निर्वाचन क्षेत्र में कार्यालय के खर्चे हेतु भी भत्ता प्रदान होता है. यहीं नहीं हर मुख्यमंत्री और हर मंत्री  को   प्राप्त होने वाले वेतन और भत्तों दोनों पर  आयकर (इनकम टैक्स) का भुगतान भी प्रदेश सरकार के खजाने में से ही किया जाता है. 

हालांकि हेमंत ने बताया कि चूँकि मुख्यमंत्री नायब सिंह वर्तमान 14वी हरियाणा विधानसभा के फिलहाल  सदस्य नहीं है, इसलिए उन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र में कार्यालय के खर्चा नहीं प्राप्त होगा क्योंकि वर्तमान में प्रदेश का कोई विधानसभा हलका उनका निर्वाचन क्षेत्र नहीं है. हालांकि अगर वह 25 मई 2024 को निर्धारित करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीतकर विधायक बन जाते है, तो उन्हें उक्त निर्वाचन भत्ता और उसमें कार्यालय का खर्चा भी मिलना प्रारंभ हो जाएगा. 

यह पूछे जाने पर कि क्या गैर-विधायक मुख्यमंत्री के तौर पर मिलने वाले  वेतन और अन्य भत्तों के साथ साथ नायब सिंह कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद होने के फलस्वरूप भी  वेतन और भत्तों के हकदार होंगे, हेमंत ने बताया कि चूँकि न देश की संसद और न ही हरियाणा विधानसभा द्वारा बनाये किसी कानून में ऐसा उल्लेख नहीं है कि मौजूदा सांसद अगर किसी  प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त हो जाता है और सांसद के तौर पर त्यागपत्र देने से पूर्व वह सांसद और मुख्यमंत्री दोनों पदों का वेतन नहीं ले सकता है, इसलिए वर्तमान में नायब सैनी आगामी 16 जून 2024 अर्थात मौजूदा 17 वीं लोकसभा के कार्यकाल तक अथवा उससे पहले की उस तारीख तक  जब 18वीं लोकसभा के गठन के कारण पिछली 17वीं लोकसभा को भंग कर किया जाता है, वह उस समय त सांसद के तौर पर मिलने वाला वेतन-भत्ते प्राप्त कर सकते हैं बेशक  उन्हें साथ साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर भी वेतन-भत्ते प्राप्त हो रहे हों.  हालांकि हेमंत ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति पूर्व सांसद के तौर पर पेंशन प्राप्त कर रहा हो और उस दौरान  वह प्रदेश विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाए, तो उसे विधायक के कार्यकाल तक पूर्व सांसद के तौर पर  पेंशन नहीं मिलती है.  

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