एसटीपी व सीवर लाइन में कर्मियों के उतरने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए सरकार लगातार जा रही मेहनतकश कर्मियों की जान, फिर भी नहीं चेत रही सरकार चंडीगढ़,17 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष उत्तराखंड प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार को एसटीपी, सीवर लाइन आदि की सफाई के लिए रोबोट व मशीनरी का प्रयोग अनिवार्य करना चाहिए, ताकि गैस चढ़ने से मेहनतकश कर्मियों की जान को बचाया जा सके। साथ ही इनमें कर्मियों के उतरने पर तुरंत प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। गरीब परिवारों के युवा सीवर लाइन या हौद में उतरने से लगातार अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन भाजपा की प्रदेश सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि पलवल स्थित एशियन पेंट कंपनी में दो सफाई कर्मियों की मौत के मामले में प्रबंधन के खिलाफ हत्या का केस प्रदेश सरकार को दर्ज कराना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मृतकों के परिजनों को तुरंत प्रभाव से 30-30 लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए। सीवर व एसटीपी में होने वाली मौतों के मामले में हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है, इससे ज्यादा शर्म की बात प्रदेश के लिए नहीं हो सकती। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज रोबोट का युग है, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का जमाना है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि निजी व सरकारी सीवर लाइनों की सैटेलाइट मैपिंग कराए और थ्री-डी तकनीक का सहारा लेते हुए इनकी सफाई कराए। इसके लिए अगर रोबोट खरीदने पड़ें तो खरीद ले, लेकिन लोगों की जान जाने से जरूर बचाए। सफाई कर्मियों को एसटीपी, हौद व सीवर लाइनों में उतारने के जिम्मेदार अफसरों, कंपनियों पर ठोस कार्रवाई न होने की वजह से भी उनके हौंसले बुलंद हैं और वे बार-बार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 के तहत एसटीपी या सीवर लाइन में किसी भी कर्मी को उतारे जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद हर साल गरीब परिवारों से आने वाले कामगारों को इनमें उतर कर अपनी जान गंवानी पड़ रही है। इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार पूरी तरह से गरीब सफाई कर्मियों की विरोधी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसी भी एसटीपी, हौद व सीवर लाइन में सफाई कर्मियों के उतरने पर तुरंत प्रतिबंध लगाते हुए इनकी सफाई के तौर-तरीकों में बदलाव करना चाहिए। एसटीपी व सीवर लाइन पर कार्यरत कर्मियों के लिए बनाए गए कानून को न तो सरकारी विभागों में लागू करवाया जा रहा है और न ही ठेकेदारों पर कानून मानने का दबाव बनाया जा रहा है। इसलिए ऐसी तमाम घटनाओं की जिम्मेदार प्रदेश सरकार है। Post navigation चौधरी अभय सिंह चौटाला के कुरूक्षेत्र से प्रत्याशी बनते ही अन्य पार्टियों में मचा हडकंप : दोदवा प्रिंटिंग प्रेस को छपाई के तुरंत बाद चार-चार प्रतियां जिलाधीश के कार्यालय में करवानी होगी जमा