हुड्डा- एसआरके गुट के चुनाव न लड़ने की ये बड़ी वजह आई सामने कैप्टन अजय यादव की भी नाराजगी अशोक कुमार कौशिक जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं। ठीक वैसे-वैसे सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी तैयारियों में तेजी ला रहे हैं। इसी को देखते हुए हरियाणा कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 362 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। हर सीट पर आए करीब 37 आवेदन जबकि सीटों की संख्या मात्र 10 है। यानी अब अगर गणित के फॉमूले के हिसाब से बात करें तो हर एक सीट के लिए करीब 37 आवेदन आए हैं। भविष्य में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती हर सीट पर सही उम्मीदवार का चयन करना होगा ताकि भाजपा या विपक्षी उम्मीदवार के सामने एक अच्छी फाइट हो पाए। न पूर्व सीएम हुड्डा और न ही एसआरके गुट ने किया आवेदन हैरानी तो तब हुई जब इन आवेदनों में कांग्रेस के कई दिग्गजों के नाम तक शामिल नहीं थे। बता दें हरियाणा राजनीति में कांग्रेस खेमे में एसआरके नाम से प्रसिद्ध जिनमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी शामिल हैं। आवेदन मांगे जाने को लेकर दक्षिणी हरियाणा के कांग्रेसी दिग्गज कैप्टन अजय यादव ने अपनी नाराजगी की है और लोकसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव से खुद को किनारा किया। इतना ही नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डाने भी लोकसभा चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई है। इस बार कांग्रेस के इन दिग्गजों ने चुनाव से किनारा किया है। इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं आइये उस पर चर्चा करते हैं। कांग्रेसी दिग्गज नेताओं के चुनाव न लड़ने की ये बड़ी वजह सबसे पहले अगर हरियाणा में कांग्रेस के बड़े चेहरों की बात करें तो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम आता है। इनके लोकसभा चुनाव न लड़ने की सबसे बड़ी वजह इसी साल हरियाणा में होने वाला राज्य विधानसभा चुनाव है। बता दें हुड्डा ने पहले ही मीडिया में कहा है कि ये उनका आखिरी विधानसभा चुनाव होगा। इसलिए हो सकता है उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए अपना आवेदन न दिया हो। मगर इससे पहले 2019 में उन्हें सोनीपत से लोकसभा चुनाव लड़ाया गया था, लेकिन उनकी करारी हार हुई थी। अंबाला और हिसार से सैलजा की थी दावेदारी की बात अब बात करते हैं कांग्रेस में एसआरके गुट की पहली वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय और पर्यटन मंत्री कुमारी सैलजा की तो उन्होंने गृहमंत्री अनिल विज के शहर अंबाला और हिसार में पार्टी को फिर से खड़ा करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनके बारे में भी ऐसा माना भी जा रहा था कि वह इन दोनों सीट में से किसी एक से अपनी दावेदारी ठोक सकती हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका बड़ा कारण कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित कई जनसभाओं में उनका यह कहना कि वह विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। जिसकी कुमारी सैलजा ने इच्छा भी जताई। कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से सुरजेवाला को लड़ाना चाहती है पार्टी एसआरके गुट के दूसरे बड़े नेता पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला फिलहाल मध्य प्रदेश के साथ कर्नाटक में पार्टी प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कांग्रेस उन्हें इस बार कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाना चाहती थी। लेकिन अभी तक उन्होंने इसके लिए कोई आवेदन नहीं किया है। ऐसे में राजनैतिक गलियारों में माना जा रहा है कि वह भी एसआरके गुट में रहते हुए लोकसभा की बजाय होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी का ताल ठोक सकते हैं। किरण चौधरी के बारे में भी जानिए इस गुट की आखिरी नेता और तोशाम से विधायक किरण चौधरी आती हैं। जो पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री बंशीलाल के परिवार से संबंध भी रखती हैं। बीते कुछ दिनों तक उनकी भी लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा थी। लेकिन पार्टी में हुए आवेदन में उन्होंने ने भी अभी तक कोई रूचि नहीं दिखाई है। ऐसे में कह सकते हैं कि वह भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। Post navigation जनता का विश्वास खो चुकी है बीजेपी-जेजेपी, इसलिए कांग्रेस ला रही है अविश्वास प्रस्ताव- हुड्डा लोकसभा आम चुनावों के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट 25 हजार रुपये होगी, नकद या ट्रेजरी के माध्यम से ही स्वीकार्य होगी