स्टेडियम की जांच और ‘फिटनेस सर्टिफिकेट’ के बिना खोलना खिलाड़ियों से खिलवाड़ : चित्रा सरवारा आरटीआई के जवाब से साफ, स्टेडियम ढांचे की विशेषज्ञों से कोई जांच नहीं हुई : चित्रा सरवारा 33 हज़ार टन लोहे की जगह 13 हज़ार टन से बना स्टेडियम: चित्रा सरवारा फुटबॉल स्टेडियम में अगर कोई हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन: चित्रा सरवारा अम्बाला छावनी, 6 जून – भ्रष्टाचार के विवादों में घिरे अंबाला छावनी के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल स्टेडियम की तकनीकी और बुनियादी सुरक्षा व बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के उसे चालू करने पर आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने स्टेडियम की जांच और ‘फिटनेस सर्टिफिकेट’ को सार्वजनिक करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर असुरक्षित स्टेडियम में बच्चे, खिलाड़ी और जनता को बुलाया गया तो कहीं मोरबी पुल जैसी बड़ी दुर्घटना अंबाला में ना घट जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गृह मंत्री व पूर्व खेल मंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम में हुआ घोटाला प्रदेश का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स घोटाला है, जिसमें 117 करोड़ में से लगभग 66 करोड़ का गबन हुआ है। इंजीनियर की ड्राइंग और टेंडर के हिसाब से स्टेडियम में 33 हजार टन लोहा लगना था। जांच में पाया गया है कि मात्र 13 हजार टन लोहा ही लगा है। जरूरत से 20 हजार टन कम लोहे की बनी इमारत कितनी सुदृढ़ और सुरक्षित है, ये आज बहुत बड़ा और गंभीर सवाल है। जिस पर यहां आने वाले खिलाड़ियों और दर्शकों की जान अटकी है। उन्होंने कहा कि 16 फरवरी 2022 में अखबारों में जहां स्टेडियम के अर्थिक घोटाले की पर्तें खुलने लगी, वहीं ये भी लिखा आया कि स्टेडियम के पिलरों को जमीन में बांधने वाले नटबोल्ट भी निर्धारित लंबाई और साइज के नहीं हैं I सरकार ने स्टेडियम की इमारत के ढांचे की सुदृढ़ता की जांच के लिए आईआईटी मद्रास, एनआईटी कुरुक्षेत्र और पंजाब यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की टीम का ऐलन किया था जो तीन महीने में रिपोर्ट देने वाली थी। उस खबर को एक साल से ऊपर हो गया है लेकिन सरकार की उस कमेटी और उसकी गुणवत्ता रिपोर्ट की कोई खबर नहीं है। चित्रा ने कहा यह बात 22 फरवरी 2023 को डाली गई एक आरटीआई से जाहिर हुई है। उन्होंने सरकार, संबंधित मंत्रालय और संबधित प्रशासनिक दफ्तर से सवाल किया है कि अंबाला अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल स्टेडियम की गुणवत्ता रिपोर्ट कहाँ है। सरकार वो रिपोर्ट सार्वजानिक करे और लोगों को पता चले ये स्टेडियम बच्चे भेजने और मैच देखने के लिए सुरक्षित है या नहीं। चित्रा ने सरकार से गुजारिश की है कि जब तक वो रिपोर्ट सार्वजानिक ना हो तब तक स्टेडियम में किसी भी खिलाड़ी या दर्शक को भेज कर उसकी जान जोखिम में ना डाली जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री खट्टर, प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज और पीडब्लूडी से मामले का तुरंत कारवाई की मांग की। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष राजपाल राजा, पूर्व पार्षद वरिष्ठ नेता सुरेश त्रेहन, वीरेंदर गांधी, गगन डांग, अविनाश, विजय गुम्बर उपस्थित रहे। Post navigation झूठे केस में फंसाने एवं पुलिस पर मारपीट के आरोप, गृह मंत्री अनिल विज ने एसआईटी गठित कर जांच के निर्देश दिए सिविल अस्पताल के समक्ष एस्केलेटर और ओवरब्रिज लगाने के लिए दो करोड़ रुपए की राशि मंजूर : गृह मंत्री अनिल विज