लस्टर लॉस हो या टूटा गेहूं, एक एक दाने की होगी खरीद
गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल
48 से 72 घंटे में किसानों के खातों में होगा सीधा भुगतान

चंडीगढ़, 11 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि के कारण रबी फसलों विशेषकर गेंहू की फसल में लस्टर लॉस या दाना टूटने के नुकसान के मद्देनज़र खरीद सीज़न 2023 -24 के दौरान गेंहू की खरीद के मानदंडों में छूट देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का हरियाणा के किसानों की ओर से आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की परेशानी को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामले मंत्री से टेलीफोन पर बात की और केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया था कि सरकार गेंहू की खरीद मानदंडों में छूट देगी और इसी कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा इस आशय का परिपत्र भी जारी कर दिया है। उन्होंने किसानों से संयम बरतने की अपील की है और कहा है कि कुदरत के आगे किसी का बस नहीं चलता। उन्होंने कहा कि किसानी एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें हर वक़्त जोखिम रहता है, जब तक फसल खेत-खलिहान से किसान के घर नहीं आती तब तक किसान असंजमस में रहता है।

उन्होंने कहा कि संयोग से ऐसा ही वक्त 2015 में भी आया था जब फरवरी माह में बेमौसमी बारिश से गेंहू की फसल को ऐसा ही नुकसान हुआ था जैसा कि अब हुआ है। उस समय प्रदेश सरकार ने 1190 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया था और वह भी मई-जून से पहले- पहले जब किसानों को अपने परिवार में विवाह-शादी या अन्य कार्यों के लिए पैसों की जरूरत होती है। इस बार भी बजट सत्र के दौरान विधानसभा सदन में विशेष गिरदावरी का आश्वासन दिया था और इसी कड़ी में कार्य चल रहा है। ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खुला है और किसान इस पर भी अपनी फसल के खराबे की जानकारी अपलोड कर सकता है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की तस्दीक के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा और इस बार भी मई तक पूरा मुआवजा किसानों के खाते में पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है। गेंहू के एक-एक दाने की खरीद 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि गेंहू में उसमें लस्टर लॉस हो या टूटा हुआ दाना हो उसके अनुरूप मानदंड में छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ही देश का ऐसा प्रदेश है जहां 48 से 72 घंटों में किसान की फसल खरीद का भुगतान किया जाता है।

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