वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र पहुंचने पर हरियाणवी संस्कृति को फिल्म जगत में पहचान देने वाली सुनीता शर्मा का प्रेरणा वृद्धाश्रम में हुआ सम्मान। कुरुक्षेत्र, 28 मार्च : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से अनेकों कलाकारों और खिलाडियों ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है लेकिन कुरुक्षेत्र धरती पर पैदा हुई सुनीता शर्मा ने बॉलीवुड में हरियाणवी संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने में अहम रोल अदा किया है। करीब तीन दशक पहले कुरुक्षेत्र की धरती से जाकर मुंबई में फ़िल्मी एवं टी.वी. वायस ओवर आर्टिस्ट के रूप में सफल हुई सुनीता शर्मा कुरुक्षेत्र पहुंची तो उनका प्रेरणा वृद्धाश्रम में जोरदार स्वागत हुआ। इस मौके पर सुनीता शर्मा का प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक एवं विख्यात साहित्यकार डा. जय भगवान सिंगला, प्रेरणा की अध्यक्षा रेनू खुंगर एवं आशा सिंगला सहित अन्य सदस्यों ने स्वागत किया। डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि हरियाणा की बेटी सुनीता शर्मा ने बॉलीवुड में हरियाणवी संस्कृति की धूम मचा रखी है। आज जो हरियाणवी संस्कृति फ़िल्मी जगत तो टी.वी. में देखने में आ रही है। इस में कुरुक्षेत्र की बेटी सुनीता शर्मा का विशेष योगदान है। उन्होंने बताया क़ सुनीता शर्मा ने बड़ी बड़ी फिल्मों में डायलॉग दिए हैं। इस की मशहूर फ़िल्में हैं दंगल, सांड की आंख, आश्रम, अतरंगी रे, छोरी वन, छोरी टू प्रमुख हैं। सुनीता शर्मा 1993 में मुंबई गई थी और कड़े संघर्ष के बाद वायस ओवर डायरेक्टर के रूप में कामयाब हुई। सुनीता शर्मा डबिंग वायस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कुरुक्षेत्र का नाम रोशन कर रही है। डा. जय भगवान सिंगला हरियाणा के लोगों और युवाओं को मुंबई में प्रोत्साहित करती हैं। सुनीता शर्मा ने यह सफलता स्वाभिमान की लड़ाई लड़ते हुए हासिल की। प्रेरणा वृद्धाश्रम में पहुंचने पर सुनीता शर्मा ने सर्व प्रथम कुरुक्षेत्र की धरती को नमन किया तथा शहीदी स्मारक पर श्रद्धा पुष्प अर्पित किए। सुनीता शर्मा ने कहा कि वे कुरुक्षेत्र की धरती पर भगवान श्री कृष्ण द्वारा गीता में दिए गए कर्म के संदेश पर विश्वास करती हैं। उन्हें जो जीवन में सफलता मिली है वह कर्म के संदेश की प्रेरणा से ही मिली है। सुनीता शर्मा का स्वागत करने वालों में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीएसडब्ल्यू डा. सुचिस्मिता, केशव मेहता, डा. मोहित गुप्ता, अन्नपूर्णा शर्मा, कवि वीरेंद्र राठौर, हरिकेश पपोसा, पंकज शर्मा, हांसी से आचार्य हरीश, स्वास्तिक, शशि ऐलाबादी, मीरा गौतम, सुनीता शर्मा के परिवार सदस्य एवं वृद्धाश्रम के बुजुर्ग मौजूद रहे। Post navigation गोविंदानंद आश्रम में हुई मां के चौथे स्वरूप मां कुष्मांड़ा की पूजा ब्राह्मण शिरोमणि नवीन जयहिंद की अध्यक्षता में ब्राह्मण समाज की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित