जींद में बरामद स्कॉर्पियो पंचायत और विकास विभाग की राजस्थान पुलिस का हरियाणा में डेरा, आरोपितों के खाते खंगाल रही भारत सारथी टीम नई दिल्ली । हरियाणा में कथित गो तस्करी के आरोप में हुए जुनैद और नासिर हत्याकांड के तार एक सफेद स्कॉर्पियो कार से जुड़े हुए हैं, जिसका इस्तेमाल अतीत में अपहरण और हिंसक गतिविधियों के लिए किया गया है। आनलाइन कार स्वामित्व रिकॉर्ड से पता चलता है कि जुनैद-नासिर को अगवा करने के लिए इस्तेमाल की गई सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार हरियाणा सरकार के जींद के पंचायत और विकास विभाग की है । हालांकि पुलिस ने बताया कि हाल ही में इसकी ‘नीलामी’ कर दी गई थी। गो तस्करी के आरोप में दोनों मुस्लिम युवकों को ज़िंदा जला दिया गया था। पुलिस के मुताबिक नासिर और जुनैद को अगवा करने के लिए एक सफेद स्कॉर्पियो कार (लाइसेंस नंबर HR 70 D 4177) का इस्तेमाल बताया जा रहा है। बाद में दोनों को उनकी ही कार में हरियाणा के भिवानी जिले में जिंदा जलाकर मार डाला गया था । राजस्थान पुलिस 22 फरवरी को हत्याकांड के आरोपी विकास की तलाश में हरियाणा के जींद जिले में पहुंची थी। उनके घर पर जब विकास का पता न चल सका तो पुलिस ने कैथल रोड स्थित गो सेवा धाम विकलांग गौशाला में तलाशी ली, जहां अपंग और विकलांग मवेशी रखे जाते हैं। इधर, पुलिस ने उस स्कॉर्पियो कार को बरामद कर लिया है, जिससे आरोपी कथित रूप से जुनैद और नासिर को राजस्थान के भिवानी ले गए थे, जहां पर वारदात को अंजाम दिया गया था। राजस्थान पुलिस के मुताबिक कार की सीट पर खून के निशान भी मिले हैं। बजरंग दल के नेता और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर इस मामले के आरोपियों में से एक हैं। सोशल मीडिया पर उनके तीन लाख से अधिक फॉलोअर हैं और 1 लाख सब्सक्राइबर का आंकड़ा पार करने के बाद यूट्यूब से उन्हें एक ‘सिल्वर प्ले बटन’ मिला हुआ है, जहां वे हिंसक सामग्री पोस्ट करते हैं। हमने पाया कि मोनू और उनकी टीम ने हिंदुत्व पॉप संगीत के साथ कम से कम चार वीडियो अपलोड किए थे, जिनमें गो रक्षकों द्वारा मुस्लिम युवकों के अपहरण, हमले, बंदूक-हिंसा और अत्याचार को दिखाया गया था। इनमें से दो वीडियो में इसी कार को दिखाया गया है, जो कुछ शॉट्स में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। एक वीडियो में मेवात के एक घर पर छापे को कवर किया गया था, जिसमें से बंदूक की नोक पर एक ‘साहब’ का अपहरण कर लिया गया था। इस वीडियो में स्कॉर्पियो कार HR 70 D 4177 साफ नजर आ रही है। एक अलग वीडियो में एक वृद्ध व्यक्ति को गो रक्षकों द्वारा पीटा जाता है, फिर नग्न करके घुमाया जाता है। इसे कुख्यात जामिया शूटर द्वारा भी साझा किया गया था, जो मोनू मानेसर का करीबी सहयोगी है। एक अन्य वीडियो में, जिसे मोनू ने अपने इंस्टाग्राम पर कैप्शन के साथ पोस्ट किया था, ‘ये कबाड़ बिनने वाले हमारी सेना और हिंदुओं पर पत्थर फेंकते हैं।’ वीडियो में कुछ लोगों को बड़े बांस के डंडों से बाइक पर सवार एक व्यक्ति पर हमला करते देखा जा सकता है। आदमी पर तब तक वार किया जाता है, जब तक कि वह दर्द से कराहते हुए जमीन पर नहीं गिर जाता। चौथा वीडियो सफेद एसयूवी में कैद एक बूढ़े व्यक्ति का है। उसके चेहरे पर खून के धब्बे और चोट के निशान हैं। एक जगह उसकी दाढ़ी खींची जाती है और वह बेहोश हो जाता है। बाद में गो रक्षकों को उसे आंशिक रूप से नग्न अवस्था में जमीन पर घसीटते हुए देखा जा सकता है। पिछले साल इन वीडियो के वायरल होने के बाद कार का इस्तेमाल इस तरह की हिंसक गतिविधियों के लिए किया जाता रहा है। कई पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि जुनैद और नासिर सहित ऐसे हमलों के पीछे मोनू मानेसर की टीम का हाथ है । हालांकि मोनू ने इन आरोपों से इनकार किया है. स्कॉर्पियो कार HR 70 D 4177 की तस्वीरें कई गो रक्षकों के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई हैं, जिनमें मोनू मानेसर के साथ कई तस्वीरें भी हैं । उनके सोशल मीडिया एकाउंट हथियारों और घायल पीड़ितों के फुटेज से भरे हुए हैं। एक वीडियो में स्कॉर्पियो कार को पुलिस की गाड़ी के साथ कारों के बेड़े में देखा जा सकता है। एक अन्य वीडियो में कार क्षतिग्रस्त दिख रही है, जिसमें बड़े डेंट हैं और इसका पिछला कांच टूटा हुआ है। जब हमने इस कार के स्वामित्व का पता लगाने की कोशिश की – जो पिछले साल इस क्षेत्र में गो रक्षकों से संबंधित हिंसा और वर्तमान जुनैद-नासिर हत्या मामले के बीच एक कड़ी के रूप में उभर कर सामने आई है – हमने पाया कि ऑनलाइन रिकॉर्ड बताते हैं कि यह विकास एवं पंचायत कार्यालय के नाम से पंजीकृत हरियाणा सरकार का वाहन है। जब हम गोपालगढ़ स्टेशन हाउस अधिकारी राम नरेश से कार के स्वामित्व के विवरण जानने के लिए पहुंचे, तो उन्होंने कहा, ‘कार हरियाणा सरकार के पंचायत और विकास विभाग की थी, लेकिन इसकी नीलामी की गई थी।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पता है कि कार का नया मालिक कौन है, एसएचओ ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हरियाणा पंचायत और विकास विभाग को यह जांचने के लिए ई-मेल किया है कि क्या वे अभी भी कार के मालिक हैं या क्या उन्हें इस बात की जानकारी है कि हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कार का इस्तेमाल किया जा रहा था। अभी वहां से जवाब नहीं मिला। मालूम हो कि राजस्थान भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के दो निवासी- जुनैद और नासिर 14 फरवरी की सुबह अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए बोलेरो कार से घर से निकले थे और कभी नहीं लौटे। उनके परिवारों ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के सदस्यों ने जुनैद और नासिर की हत्या कर दी और पुलिस से संपर्क किया। उनके जले हुए शव एक दिन बाद 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में मिले थे। इस बारे में जींद के एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने कहा कि पुलिस की छानबीन में पता चला कि यह स्कॉर्पियो जींद जिला परिषद के नाम पर थी। हालांकि बाद में इसे नीलाम कर दिया गया। पुलिस स्कार्पियो के मालिक राजवीर के बारे में छानबीन कर रही है । यह पता लगाया जा रहा है कि जुनैद नासिर हत्याकांड में इसका इस्तेमाल कैसे हुआ। इसके बारे में राजस्थान पुलिस को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। राजस्थान पुलिस का हरियाणा में डेरा, आरोपितों के खाते खंगाल रही जुनैद व नासिर हत्याकांड के आरोपितों की फोटो और पहचान जारी होने के बाद भी राजस्थान पुलिस के हाथ खाली हैं। पिछले चार दिन से राजस्थान पुलिस आरोपितों की तलाश में है। राजस्थान पुलिस जींद, करनाल, कैथल और भिवानी के छह आरोपितों के बारे में जानकारी जुटा रही है। वहीं, करनाल के रहने वाले आरोपित शशिकांत व किशोर की तलाश में छापामारी की। पुलिस ने तेलू सिंह कालोनी में दोनों आरोपितों के परिचितों के आवास पर जाकर पूछताछ की और उनके संभावित ठिकानों के बारे में पता लगाने की कोशिश की। कर्मचारियों से पूछताछ बता दें कि आरोपितों में भिवानी के विकास राणा व गोगी, कैथल का कृष्ण उर्फ कालू, करनाल के मुनक गोशाला के संचालक शशिकांत और उसका सहयोगी किशोर, जींद का विकास है। आरोपितों के सहयोगी रहे कुछ संदिग्ध चिन्हित भी किए गए हैं। दोनों आरोपितों का साथी शिवम भी घर से लापता है। टीम ने फिर मुनक गोशाला में पूछताछ की और शशिकांत के बैंक खाते भी खंगाले। मुनक गोशाला में फिर कर्मचारियों से पूछताछ की गई। अक्सर जाते थे मेवात मुनक निवासी 40 वर्षीय शशिकांत शर्मा व किशोर अक्सर मेवात क्षेत्र में गो तस्करी रोकने जाते रहते थे। इस बार भी वे मेवात गए थे। 15 फरवरी से दोनों का अता पता नहीं है। दोनों को राजस्थान पुलिस ने नासिर और जुनैद की हत्या के मामले में नामजद किया है। दोनों के स्वजन कह चुके हैं कि उनके पुत्रों का हत्याकांड से कोई सरोकार नहीं है। कालू की भाभी का आरोप, पुलिस टीम ने किया बुरा बर्ताव भरतपुर पुलिस की टीम कैथल आई थी। टीम कैथल से स्थानीय पुलिस को साथ लेकर मामले में आरोपित गांव बाबा लदाना निवासी कृष्ण उर्फ कालू के घर गई थी। कालू की भाभी माफी ने पुलिस टीम पर आरोप लगाए कि उनके साथ बुरा-बर्ताव किया है। पुलिस टीम के साथ कोई भी महिला पुलिस कर्मचारी नहीं थी। उसका फोन भी छीन लिया था। गांव के मुखिया को भी साथ नहीं लिया गया था। माफी ने कहा कि कालू किसी रिंकू सैनी नाम के व्यक्ति को नहीं जानता था। Post navigation जल संरक्षण योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं किसान-मनोहर लाल नासिर-जुनैद मामले को लेकर अनिल विज का बयान, पुलिस की सेंटिफिक जांच होनी चाहिए और लठम-लट्ठा जांच से रिएक्शन होता है