26 जनवरी को कहीं भी झंडा ना फहराए संदीप सिंह
नाम के आगे चौधरी लिखने से कोई चौधरी नही होता, न्याय दिलाने वाले को बोला जाता है चौधरी

रौनक शर्मा

झज्जर – बीते रविवार गांव डावला(झज्जर) में धनखड़ खाप द्वारा महिला खिलाड़ी को इंसाफ दिलाने के लिए सर्व खाप पंचायत की गई। जिसमे नवीन जयहिन्द भी शामिल हुए। जयहिन्द ने कहा कि महिला खिलाड़ी को इंसाफ दिलाने के लिए हमारा फरसा बिल्कुल तैयार है। पंचायत जो भी फैसला लेगी हम आपके साथ खड़े है। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नही बल्कि सामाजिक मुद्दा है और सभी 36 बिरादरी को इसकी आवाज उठानी चाहिए और अगर जल्द ही महिला खिलाड़ी को न्याय नही मिला तो 26 जनवरी के दिन यह जनता खेल मंत्री को कहीं पर भी झंडा नही फहराने देगी।

जयहिन्द ने कहा कि यहां जो लोग महिला खिलाड़ी को न्याय दिलाने आए हुए है वे असली चौधरी है, खाली नाम के पीछे चौदरी लगाने से ओर सरकार के तलवे चाटने से कोई चौदरी नही बनता। असली चौधरी वो है वो सरकार व प्रशासन के खिलाफ न्याय के लिए आवाज उठाए।

नवीन जयहिन्द ने सरकार पर किया कटाक्ष

ओम प्रकाश धनखड़ इस्तीफा दे या खेल मंत्री संदीप सिंह का इस्तीफा दिलवाए

जयहिन्द ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को इस्तीफा दे देना चाहिए या खेल मंत्री संदीप सिंह का इस्तीफा लेकर उसे जेल में डलवा देना चाहिए क्योंकि जब ओमप्रकाश धनखड़ जी अपने ही समाज ओर क्षेत्र की बेटी को न्याय नही दिल सकते तो बाहर की जनता उनसे क्या ही उम्मीद लगा सकती है। यह मुख़्यमंत्री जी और ओमप्रकाश धनखड़ जी के लिए बड़ी शर्म की बात है। अगर महिला खिलाड़ी मुख़्यमंत्री की रिश्तेदार होती और ये जो धाराएं खेल मंत्री पर लगी है किसी आम व्यक्ति पर लगती या मुझ पर ही लगती तो अबतक जेल में जेल में डाल दिया जाता, तो खट्टर साहब खेल मंत्री को बचा कर क्या छिपाना चाहते है। मुख़्यमंत्री जी खेल मंत्री का बचाव करके बेशर्मी की सभी हदे पर कर रहे है।

जयहिन्द ने कहा कि हम शुरू से कह रहे है कि महिला खिलाड़ी व खेल मंत्री दोनों का ही नार्को टेस्ट होना चाहिए या हाइ कोर्ट के सिटिंग जज से पूरे मामले की जांच करवाई जाए, जिससे सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। अगर जांच में महिला खिलाड़ी दोषी पाई जाती है तो उस पर कार्यवाही हो और अगर खेल मंत्री दोषी मिलते है तो उनका तुरंत इस्तीफा दिलाकर जेल में डाला जाए। क्योंकि इससे हरियाणे का माहौल खराब होता है। इसका सीधा सीधा प्रभाव हरियाणा की हजारो महिला खिलाड़ियों पर पड़ेगा। क्योंकि अगर महिला खिलाड़ियों के साथ प्रमोशन के बहाने, नौकरी के बहाने, ट्रांसफर के बहाने इस तरह की हरकतें होंगी तो कोई भी परिवार अपनी लड़कियों को खेलो में हिस्सा नही दिलाएंगे।

महिला खिलाड़ी एक असली मर्दानी है

जयहिन्द ने बताया कि महिला खिलाड़ी ने खेल मंत्री के खिलाफ आवाज उठाकर बहुत हिम्मत दिखाई है। क्योंकि एक प्रेसवार्ता मे महिला खिलाड़ी ने बताया कि मैं अकेली नही हूँ बल्कि बहुत सी ऐसी महिलाएं है जिसके साथ खेल मंत्री द्वारा इस तरह का शोषण किया गया है।

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