खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर नंबरदार धर्म सिंह की अध्यक्षता में पंचायत

पुलिस प्रशासन पर थाने में बच्चों बुजुर्गों को प्रताड़ित करने का आरोप

बीती 4 फरवरी से सेना में अहीरवाल रेजिमेंट की मांग को लेकर धरना

अब नसीबपुर से 10 दिसंबर को पदयात्रा, समापन 18 को खेड़की दौला

18 को महापंचायत में सेना में अहीर रेजिमेंट पर होगा निर्णायक फैसला

फतह सिंह उजाला

खेड़की दौला/ पटौदी । भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर बीती 4 फरवरी से दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के किनारे मौजूद खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास जारी धरना प्रदर्शन के दौरान अपनी मांग को मनवाने के लिए बीती 18 नवंबर को रोड जाम का आह्वान किया गया था। इसी दौरान अपरिहार्य कारणों से यह शांतिप्रिय धरना प्रदर्शन आंदोलन बेलगाम हो गया और ऐसे में गुरुग्राम प्रशासन के द्वारा अलग-अलग दो मुकदमे विभिन्न लोगों पर दर्ज भी करवाए गए। एक बार फिर से संयुक्त अहीर रेजीमेंट मोर्चा के तत्वाधान में बुधवार को नंबरदार धर्म सिंह की अध्यक्षता में धरना स्थल पर ही पंचायत का आयोजन किया गया । इस पंचायत में मुख्य रूप से रतन सिंह , विजय यादव, कैलाश यादव  सरपंच श्योचंद, अरुण, मोनू , करण यादव , लक्ष्मीनारायण, पूर्व चेयरमैन होशियार सिंह सहित आसपास के दर्जनों गांव के प्रबुद्ध ग्रामीण और महिला शक्ति भी मौजूद रही ।

बुधवार को सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर आहूत महापंचायत में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा बीते 18 नवंबर को गुरुग्राम जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा की गई कार्रवाई की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए भर्त्सना की गई । महापंचायत में विभिन्न वक्ताओं ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया 18 नवंबर को आंदोलन आरंभ करने का समय 10 तय किया गया था,  लेकिन पुलिस प्रशासन के द्वारा उसी दिन धरना स्थल पर ही पहले से मौजूद लोगों बुजुर्गों को जबरदस्ती उठाकर राउंडअप कर लिया गया । इतना ही नहीं धरना स्थल जहां टेंट लगा हुआ है , उसके चारों तरफ पुलिस प्रशासन के द्वारा किलेबंदी भी कर दी गई । यही कारण रहा कि दूरदराज से आए अनेक युवक और अहीर रेजीमेंट के समर्थक अहीरवाल के लोग निर्धारित स्थान पर एकत्रित होने से वंचित रह गए । इस मौके पर पंचायत के मंच से साफ साफ शब्दों में कहा गया कि पुलिस प्रशासन के द्वारा कथित रूप से सरकार के दबाव में विभिन्न लोगों पर अलग-अलग मुकदमे अहीरवाल क्षेत्र के इस देश के सबसे बड़े और प्रमुख मांग सेना में अहीरवाल रेजीमेंट के गठन के आंदोलन को कुचलने और दबाने के लिए ही दर्ज किए गए । यहां तक आरोप लगाया गया कि विभिन्न पुलिस थानों में छोटे बच्चों वह बुजुर्गों के कपड़े तक उतरवा कर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया ।

महापंचायत में पुरजोर मांग की गई है कि इस प्रकार की अमानवीय हरकत करने वाले संबंधित पुलिस कर्मचारियों और संबंधित थाना के अधिकारियों की पहचान कर अविलंब उन्हें सस्पेंड किया जाए । जहां तक लाठीचार्ज की बात है , यह पुलिस प्रशासन के उकसावे के बाद ही कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा किए गए पथराव का दूसरा पहलू है । बीते करीब 10 महीने से अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर चला रहा आंदोलन पूरी तरह से अहिंसात्मक और शांति प्रिय है । आज तक किसी भी प्रकार की अहिंसा या शांति भंग और कानून व्यवस्था को बिगड़ने का काम नहीं किया गया । इसी मौके पर विभिन्न वक्ताओं के द्वारा कहा गया कि अहीरवाल क्षेत्र के युवा राज्य सरकार या केंद्र सरकार से किसी प्रकार के रोजगार की मांग नहीं कर रहे। अहीरवाल दक्षिण हरियाणा जहां से आजादी के आंदोलन से लेकर मौजूदा समय तक सबसे अधिक देश हित में आत्म बलिदान यहां के अहीरवाल योद्धाओं के द्वारा दिया गया। उनके मान सम्मान को बरकरार रखने के लिए ही सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग की जा रही है।

यह यादव समाज का अधिकार और हक भी बनता है , क्योंकि अन्य समाज के नाम पर भी सेना में रेजिमेंट बनी हुई हैं ।

इसी मौके पर गुरुग्राम पुलिस प्रशासन सहित हरियाणा सरकार को भी आगाह किया गया कि 18 नवंबर को आंदोलनकारियों पर जो मनगढ़ंत और बेबुनियाद मुकदमे दर्ज किए गए हैं , उन सभी मुकदमों को आगामी 30 नवंबर तक वापस लेकर रद्द किया जाए । इसी मौके पर पंडाल में मौजूद सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग का समर्थन करने के लिए पहुंचे लोगों के द्वारा जय यादव-जय माधव भारत, माता की जय- माता की जय, जय यादव-जय माधव जैसे गगनभेदी नारे लगाकर अपनी एकता और अखंडता का परिचय कराया गया । इसी मौके पर बताया गया कि अब यह आंदोलन उसी समय समाप्त होगा जब सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग पूरी हो जाएगी। इसी कड़ी में आगामी 10 दिसंबर को  नारनोल के नसीबपुर से शांति मार्च यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह शांति मार्च यात्रा अहीरवाल क्षेत्र के सभी शहीदों को समर्पित रहेगा तथा रास्ते के विभिन्न गांवों से होती हुई मुख्य सड़क मार्ग के रास्ते ही 17 दिसंबर शाम को खेड़की दौला पर इसका समापन होगा । 18 दिसंबर को पूरे देश भर के अहीरवाल नेताओं को यहां पहुंचने का निमंत्रण दिया गया है और 18 दिसंबर को ही होने वाली इस महापंचायत में आर पार की लड़ाई का निर्णायक फैसला भी किया जाएगा। 

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