• हरियाणा सरकार ने 17 सितम्बर 2022 तक भी इस साल बाजरा तय MSP-2350 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदने या भावन्तर स्कीम के तहत बाजार भाव से हुए घाटे की पूर्ति की घोषणा तक नहीं की है• बाजरा की फसल मंडी में आये कई दिन हो गए और किसान मार्किट में 1800-1850 रुपये प्रति क्विंटल पर बेच कर न्यूनतम 500 ₹ प्रति क्विंटल का घाटा खाने को बाध्य है!• हरियाणा सरकार तुरन्त से बाजरा MSP पर खरीदने व भावन्तर स्कीम के तहत क्षतिपूर्ति की घोषणा करे और बाजरा की सरकारी खरीद को लेकर जरूरी नोटिफिकेशन जारी कर खरीद भी जल्द शुरू की जाए!• MSP पर सरकारी खरीद को लेकर हर साल लगाए जाने वाली प्रति एकड़ 8 क्विंटल व अधिकतम खरीद की सीमा लगाने जैसी अतार्किक शर्तें न लगाई जाएं! • जय किसान व स्वराज इंडिया के साथी 2017 से बाजरा की सरकारी खरीद की निगरानी करने के लिए मंडियों में जाकर किसानों से बातचीत कर सच्चाई सामने रखते रहे हैं। जय किसान आंदोलन व स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र यादव ने कहा कि हम 2017 से लगातार मांग उठाते रहे हैं कि हरियाणा सरकार बाजरे की पूरी फसल एम एस पी पर खरीदे जाने की जरूरी नोटिफिकेशन समय रहते जारी करे । ताकि बाजरा उत्पादकों के मन में उठती आशंका व चिंता समाप्त हो सके । योगेंद्र यादव ने कहा है कि हरियाणा सरकार बाजरे की खरीद को लेकर किसानों को हर साल गुमराह करती रही है, MSP पर खरीद का वायदा करके भी नहीं निभाती रही मगर इस साल तो अभी वायदा करने से पीछे हट रही है। जिसका परिणाम है कि बाजरा उत्पादकों को MSP पर सरकारी खरीद की कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती इसलिए वे मार्किट में प्राइवेट व्यापारियों को बाजरा बेचने को बाध्य हो रहे हैं। इस सब से शंका पैदा होती है कि जब किसान मार्किट में फसल बेच देगा तब सरकार सरकारी खरीद व भावन्तर स्कीम की निटिफिकेशन जारी कर कुछ व्यापारियों को अनुचित फायदा पहुंचाएगी! जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा ने कहा कि MSP पर बाजरा खरीद की घोषणा न करना व नोटिफिकेशन जारी न किया जाना बताता है कि सरकार किसान की फसल खरीद को लेकर कितनी असंवेदनशील है ! पिछले सालों में सरकार MSP पर खरीद की घोषणा पहले से करती रही है मगर इस साल 18 सितंबर तक भी किसान सरकार की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं! दीपक लाम्बा ने कहा कि जिन बाजरा उत्पादकों ने “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ वे भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के दवाब में व सरकार द्वारा MSP पर सरकारी खरीद का वायदा तक न पाकर रुपये 1700 से1850 प्रति क्विंटल पर बाजरा बेचने को मजबूर हैं! उन्होनें कहा कि खबरों के अनुसार हरियाणा में करीब 71000 क्विंटल बाजरा की रजिस्ट्रेशन हुई है। सरकारी खरीद की घोषणा न होने के चलते अब तक अकेले रेवाड़ी अनाज मंडी में करीब 5000 क्विंटल बाजरा किसान प्राइवेट व्यापारियों को बेच चुका है! Post navigation गाँव-गाँव अब रो रहा, गांधी का स्वराज। भंग पड़ी पंचायतें, रुके हुए सब काज।। हर जगह वायरल होती निजता, कैसे जियेंगे हम ?