भाजपा सरकार बनने के बाद नौकरियों के लिये आये 22 करोड़ आवेदननौकरी मिली सिर्फ 7 लाख को जो आवेदकों का 1 प्रतिशत भी नहीं – दीपेन्द्र हुड्डा

·         कहां गया हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वायदा – दीपेन्द्र हुड्डा

·         जब देश के 44 करोड़ हाथों के पास काम ही नहीं है तो देश आगे कैसे बढ़ेगा – दीपेंद्र हुड्डा

·         भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में बेरोजगारों की फौज खड़ी हुई – दीपेंद्र हुड्डा

·         दीपेन्द्र हुड्डा ने अग्निपथ योजना पर चर्चा की मांग कर आज फिर संसद में काम रोको प्रस्ताव दिया, सभापति ने किया अस्वीकार 

चंडीगढ़, 29 जुलाई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमन्त्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। सरकार ने संसद में माना कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद 8 वर्षों में 22 करोड़ लोगों ने विभिन्न पदों के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनमें से करीब 7 लाख को ही नौकरी मिली, जो कुल आवेदकों का 1 प्रतिशत भी नहीं है। सांसद दीपेन्द्र ने तंज़ कसा कि कहाँ गया हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वायदा। उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़ों से स्पष्ट है कि हर साल 1 लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मिल पाई, जबकि वायदा हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का था। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ प्रार्थना पत्रों का मतलब है कि हिन्दुस्तान में 44 करोड़ हाथों के पास काम नहीं है। अगर देश के 44 करोड़ हाथों के पास काम ही नहीं है तो देश आगे कैसे बढ़ेगा!

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश में बेरोज़गारी के हालात विस्फोटक हैं। लेकिन सरकार बेरोज़गारी जैसे अतिमहत्त्वपूर्ण विषय पर चर्चा तक कराने को तैयार नहीं है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बिना चर्चा और विचार-विमर्श के सरकार ने अग्निपथ योजना लागू कर दी, अब सरकार संसद में इस पर चर्चा की मांग भी नहीं मान रही है। उन्होंने आज फिर राज्य सभा में नियम 267 के तहत कार्य-स्थगन प्रस्ताव दिया था, जिसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना से पूरे देश के युवाओं में अपने भविष्य को लेकर भ्रम और चिंता की स्थिति है और उनमें काफी रोष है। अग्निपथ योजना न देशहित में है, न देश सुरक्षा के, न ही युवाओं के भविष्य के हित में है। उन्होंने मांग करी कि अग्निपथ योजना तुरंत रद्द कर सरकार देश के युवाओं से माफ़ी माँगे और और सेना में खाली पड़े अधिकारी व गैर-अधिकारी वर्ग के करीब 2 लाख पदों पर 3 साल से बंद पड़ी भर्ती को खोले। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि संसद में और संसद के बाहर युवाओं के हक और अधिकार के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

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