छोटी बड़ी सभी वेटलैंड्स को संरक्षित करने के लिए हरियाणा सरकार प्रतिबद्ध. मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में बदल रही प्रदेश के तालाबों की तस्वीर. 1 मई को ‘अमृत सरोवर मिशन’ का आगाज करेंगे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल चंडीगढ़, 29 अप्रैल – हरियाणा में तालाबों, बावड़ियों और झीलों के रूप में अनेक वेटलैंड्स मौजूद हैं। ये जन-जीवन के लिए जल आपूर्ति के साथ प्राकृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा सरकार राज्य में स्थित छोटी बड़ी वेटलैंड्स को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब हरियाणा सरकार ‘अमृत सरोवर मिशन’ का आगाज करने जा रही है, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 1 मई, 2022 को सोनीपत में राज्य स्तरीय समारोह में करेंगे। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों द्वारा 111 स्थानों पर ‘अमृत सरोवर मिशन’ का शुभारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान युग में जब पूरी दुनिया जल संकट का सामना कर रही है तो हमें प्रकृति और अपने पूर्वजों द्वारा विरासत में दिए गए जल संसाधनों के संरक्षण की परंपरा को सहेजकर रखना होगा, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि इनका संरक्षण करना हम सभी की सामूहिक व नैतिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जल स्त्रोतों व वेटलैंड्स के महत्व को ध्यान में रखते हुए तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया है। प्राधिकरण, ‘अप्सु अन्त: अमृतम्’ अर्थात जल में अमृत है ध्येय वाक्य के साथ, राज्य के सभी छोटे बड़े तालाबों के संरक्षण, भंडारण, भूजल पुनर्भरण तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन का कार्य विशेष तकनीकी रूप से करने में लगा है ताकि बरसाती व गंदे पानी को तकनीक से साफ करके खेतों और जानवरों के प्रयोग में लाया जा सके। उल्लेखनीय है कि हरियाणा पहला प्रदेश है जो तालाबों के संरक्षण, भंडारण, भूजल पुनर्भरण तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन का सराहनीय काम कर रहा है। गांवों में अस्तित्व खो रहे तालाबों एवं जोहड़ों को बचाने के प्रयास अब सफल होने लगे हैं। प्राधिकरण के प्रयास से अब तक कई जोहड़ों का जीर्णोद्धार हो चुका है। किसी समय में जो जोहड़ गंदगी से अटे होते थे और बीमारियों को न्यौता देते थे, आज वे स्वच्छ और सुंदर नजर आ रहे हैं और पानी से लबालब भरे हैं। प्राधिकरण द्वारा इनके चारों ओर सुरक्षा दीवार या कंटीली तारें लगाई गई हैं ताकि कोई फिर से इन पर अतिक्रमण ना कर ले। वहीं चारों ओर पेड़ भी लगाए जा रहे हैं जिससे वातावरण को हरा भरा बनाया जा सके। Post navigation यमुनानगर में 750 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता का संयत्र स्थापित करने में केंद्र द्वारा हरियाणा को पूर्ण सहयोग किया जाएगा। मुख्य सचिव ने की 1450 करोड़ रुपये की 5 परियोजनाओं की समीक्षा