चंडीगढ़, 16 मार्च-हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि सरकार शहरों से डेयरियों को बाहर स्थानांतरित करने की दिशा में कार्य कर रही है। जहां-जहां स्थानीय निकायों की भूमि या कोई अन्य उपयुक्त स्थान उपलब्ध है, वहां पर चरणबद्ध तरीके से डेयरियां षिफ्ट की जा रही हैं। श्री गुप्ता आज यहां चल रहे हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधायक श्री प्रमोद कुमार विज द्वारा नगर पानीपत की सीमा से बाहर डेयरियां स्थानांतरित करने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है या नहीं, पर सदन में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि वैसे तो पानीपत नगर निगम की सीमा में लगभग 600 डेयरियां आती हैं। नगर निगम पानीपत द्वारा 381 डेयरियांें को स्थानांतरित करने का कार्य वर्ष 2003 में गांव बिंझोल में 147 भूखंडों के साथ एक डेयरी फार्म स्थापित करने का कार्य किया गया था। इनमें से 128 भूखंडों को आबंटन किया जा चुका है और इस डेयरी फार्म में अब तक 64 डेयरियां को स्थानांतरित किया जा चुका है। नगर निगम पानीपत शेष बचे हुए 19 डेयरी भूखंडों को आबंटित करने तथा डेयरियों को आबंटित भूखंडों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है और यह सितम्बर, 2022 तक पूरी कर ली जाएगी।श्री धर्मपाल गोंधर द्वारा पूछे गए अन्य प्रश्न के उत्तर में डॉ. कमल गुप्ता ने बताया कि तरावड़ी के किला काटजू के पास एक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव नगरपालिका, तरावड़ी के विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि नगरपालिका, तरावड़ी द्वारा 70 लाख रुपये का एक अनुमान तैयार किया गया है। सक्षम प्राधिकारी से आवश्यक स्वीकृति प्राप्त होने उपरांत कार्य श्ुारू करवा दिया गाएगा और ई-टैण्डर के माध्यम से एजेंसी का चयन होने उपरांत शीघ्र ही कार्य पूर्ण किया जाएगा। विधायक श्री शमषेर सिंह गोगी द्वारा अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के संबंध में पूछे गए एक अन्य प्रष्न के उत्तर में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि प्रदेश सरकार षहरों में नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाली कॉलोनियों में सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। विभाग की ओर से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे तथा 1300 कॉलोनियों के नागरिकों से आवदेन प्राप्त हुए, जिनमें से 845 कॉलोनियां नगर पालिकाओं की सीमा में आती हैं। उन्होंने सदन को इस बात से भी अवगत कराया कि हरियाणा प्रबंधन नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले नगरपालिका क्षेत्रों (विशेष प्रावधान) अधिनियम,2016 को 10 सितम्बर, 2021 को संशोधन किया गया है। संशोधन के अनुसार, नई कॉलोनी में 31 मार्च,2015 से पहले 50 प्रतिशत प्लाटों पर निर्माण कार्य होने की शर्त व 5 वर्ष की अवधि वाली को शर्त हटा दिया गया है। इसके अलावा, सभी कॉलोनियों को श्रेणीवार गु्रप में बांटा गया है, जिनमें 25 प्रतिशत तक निर्मित क्षेत्र वाली कॉलोनियां, 25 से 50 प्रतिशत के बीच, 50 से 75 प्रतिशत के बीच तथा 75 प्रतिशत से अधिक निर्मित वाली कॉलोनियां शामिल हैं।उन्होंने बताया कि किसी भी कॉलोनी को जारी पत्र द्वारा बताए गए मानदंडों को पूरा करने पर कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों में घोषित किया जाएगा। Post navigation विभिन्न अनिमितताओं व उल्लंघनाओं को देखते हुए खाद्य एवं औषधि विभाग ने की बड़ी कार्यवाही – स्वास्थ्य मंत्री डीजीपी हरियाणा ने ‘इको-फ्रेंडली‘ व सेफ होली खेलने का किया आग्रह