मेवात में पांचवी तक रहेगा प्रावधान60 साल से कम उम्र की महिला ही बन सकेगी आशा वर्कर भारत सारथी हरियाणा में आशा कार्यकर्ता के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से सेवा नियम तय कर लिए गए हैं. अब से आशा कार्यकर्ता का दसवीं पढ़ा होना जरूरी हो गया है यानि आशा कार्यकर्ता बनने के लिए महिला के पास 10वीं का सर्टिफिकेट होना जरूरी है. ये नियम सिर्फ मेवात को छोड़कर पूरे हरियाणा की आशा वर्कर पर लागू होगा. साथ ही इनकी उम्र भी 60 साल तक तय कर दी गई है. बता दें कि मेवात जिले के लिए शिक्षा की शर्त पांचवीं कक्षा रखी गई है. आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति जिलास्तर पर होती थी. इसमें शिकायतें आती थीं कि चयन केवल जानकार या सिफारिश के आधार पर होता है.इसके अलावा, कई जिलों में तो 70 से 75 साल तक की महिला का चयन कर दिया गया. जबकि उनके स्थान पर उनके परिवार का अन्य सदस्य काम करता था. इस तरह की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए मिशन ने कार्यकारी समिति में सेवा नियम तय कर दिया है. हरियाणा में 20 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता हैं. 20 साल की नौकरी पूरी करने पर ले सकेंगी वीआरएससेवा नियमों में यह भी राहत की गई है कि अगर कोई आशा कार्यकर्ता 20 साल की नौकरी पूरी कर लेती है तो वह वीआरएस ले सकती है. इसके साथ उसको एक मुश्त 20 हजार की राशि दी जाएगी. पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी. डिजीटल स्पीकर देने का प्रस्तावएनएचएम हरियाणा ने आशा वर्कर को मोबाइल के बाद अब डिजीटल स्पीकर देने का प्रस्ताव तैयार करके केंद्र सरकार को भेजा है. प्रस्ताव के सभी आशा कार्यकर्ताओं को एक-एक लाउड स्पीकर दिया जाना है, ताकि उनको किसी भी प्रकार की जानकारी मोहल्ले या बस्ती में देनी हो तो उसके लिए उसे ज्यादा भागदौड़ न करनी पड़े. एचएचएम के प्रोजेक्टों को गांव स्तर पर सफल करने के लिए आशा वर्कर जमीनी स्तर पर अहम रोल अदा करती हैं. पहले आशा वर्कर्स की नियुक्ति और सेवानिवृत्ति को लेकर कोई ठोस नियम नहीं थे नियुक्ति को पारदर्शी और मेरिट के आधार पर करने के लिए नियम तय किए गए हैं. नियुक्ति के अलावा, वीआरएस के लिए भी व्यवस्था की गई है. Post navigation विधायक निर्मल रानी व विधायक पंडित नीरज शर्मा को वर्ष 2021 के सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार रामपाल को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं