·         भाजपा-जजपा सरकार रोजगार देने की बजाय बेरोजगारों के साथ खेल रही है फर्जीवाड़े का खेल- दीपेंद्र हुड्डा

·         एचपीएससी और एचएसएससी रोजगार देने की बजाय दोनों हाथों से नोट बटोरने में लगे हैं – दीपेंद्र हुड्डा

·         हरियाणा बेरोजगारी में देश भर में एक बार फिर 34.1 प्रतिशत दर के साथ पहले स्थान पर – दीपेंद्र हुड्डा

·         अब भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो भयावह स्थिति हो जायेगी – दीपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़, 4 जनवरी। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण हरियाणा में बेरोजगारों की विशाल फौज खड़ी हो गयी है। प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार रोजगार देने की बजाय बेरोजगारों के साथ खेल रही है फर्जीवाड़े का खेल। एचपीएससी और एचएसएससी जैसी जिन एजेंसियों को उम्मीदवारों की योग्यता जांचकर रोज़गार देना चाहिए वो उम्मीदवारों की जेब का वजन जांच कर दोनों हाथों से नोट बटोरने में लगी हैं। अब भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो बेरोजगारी की स्थिति बेहद भयावह हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पूरे साल हरियाणा देश में एकमात्र ऐसा राज्य रहा जो बेरोजगारी दर के मामले में टॉप पर बना रहा। दिसंबर के ताजा आंकड़ों में हरियाणा बेरोजगारी दर में देश भर में एक बार फिर 34.1 प्रतिशत दर के साथ पहले स्थान पर है, जो देश के औसत बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत से चार गुना से भी ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में घोटालों का बोलबाला हो गया है। ईमानदारी का चोला पहनकर भाजपा सरकार पिछले साढ़े सात साल से बेरोजगारों के साथ फर्जीवाड़े का खेल कर रही है। ईमानदारी का ढोंग करने वाली इस सरकार का नकाब उतर गया है। इस साल की शुरुआत भी मौजूदा सरकार ने ग्राम सचिव, पटवारी, कैनाल पटवारी भर्ती परीक्षा रद्द करके की। अब कृषि विभाग में एसडीओ-एडीओ के 524 पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा भी रद्द करने का फरमान आ गया है। नये साल के शुरुआती चार दिनों में 3 परीक्षा रद्द होना बताता है कि भर्ती घोटाले, पेपर लीक और परीक्षा रद्द करने का रिकॉर्ड बनाने वाली ये सरकार सही ढंग से परीक्षा कराने में ही बार-बार फेल हो रही है। इस सरकार को तोएक पल भी कुर्सी पर बैठने का हक नहीं है। प्रशासनिक नाकामी, फर्जीवाड़े व घोटाले इस सरकार की निशानी बन चुके हैं।

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज उनके जन्मदिन के अवसर पर सभी साथियों और समर्थकों द्वारा प्रदेश भर में जनकल्याण के कार्य जाने के लिये आभार व्यक्त किया और कहा कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई पुण्य का कार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड से ग्रस्त होने के कारण वे हर वर्ष की तरह इस बार अपने साथियों से निवास पर नहीं मिल पाए लेकिन उनसे मिलकर शुभकामनाएँ देने की जगह लोगों ने जिस प्रकार महामारी, किसान आन्दोलन में अपने क्षेत्र मे मानव-सेवा के कार्य किये, उसी प्रकार जनसेवा कर उन्हें शानदार उपहार दिया है।

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