पटौदी के पुराने कोर्ट में अब नजारा ही दिख रहा अलग  .
जमीन पर राज्यपाल, राष्ट्रपति, पीएम के चित्र युक्त कैलेंडर

फतह सिंह उजाला

पटौदी । कहावत है नया 9 दिन और पुराना सौ दिन । बीते शुक्रवार 4 दिसंबर को पटौदी सब डिवीजन के नए ज्यूडिशल कोर्ट कांपलेक्स और न्यायिक अधिकारियों के आवासीय परिसर पटौदी का भव्य तरीके से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के प्रशासनिक एवं बिल्डिंग कमेटी के चेयरमैन जज अजय तिवारी के हाथों उद्घाटन किया गया। नए भवन परिसर में उद्घाटन से पहले यहां पर सभी प्रकार की व्यवस्था और सुविधाएं रात दिन एक करते हुए पूरी की गई।

लेकिन पटौदी के पुराने कोर्ट परिसर के हालात नए कोर्ट के उद्घाटन के उपरांत अब अलग ही अपनी उपेक्षा और यहां की लापरवाही सहित अनदेखी की चुगली भी करते दिखाई दे रहे हैं । पटौदी में 18 जनवरी 2013 को पटौदी के पीडब्ल्यूडी विभाग के रेस्ट हाउस में ही बनाए गए पटौदी सबडिवीजन कोर्ट का उद्घाटन किया गया था । आरंभ में यहां दो कोर्ट उपलब्ध करवाए गए । इसके बाद बढ़ती जरूरत को केंद्र में रखते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग के ऑफिस के बगल में ही तीसरे कोर्ट का भी पहले कोर्ट के उद्घाटन के करीब 2 वर्ष के बाद उद्घाटन किया गया । इस प्रकार पटौदी सबडिवीजन के कुल 3 कोर्ट लोगों को न्याय उपलब्ध करवाने के लिए आरंभ हो गए । इसके बाद 18 नवंबर 2017 को पटौदी के नए ज्यूडिशल कोर्ट कंपलेक्स सहित न्यायिक अधिकारियों के आवासीय परिसर का शिलान्यास भी किया गया । इसका निर्माण कार्य 24 मई 2018 को आरंभ हुआ और 31 अगस्त 2021 को निर्माण कार्य पूरा होने के उपरांत बीते 4 दिसंबर 2021 को आधिकारिक रूप से उद्घाटन भी हो चुका है ।

लेकिन पटौदी के पुराने कोर्ट परिसर में जिस प्रकार से जहां पर कोर्ट संबंधित और न्यायिक अधिकारियों से संबंधित सामान इनकंबेंसी बोर्ड तथा राष्ट्रपति, राज्यपाल और पीएम के चित्र युक्त कैलेंडर सहित अन्य सामान की अनदेखी की हुई । ऐसी अनदेखी शायद ही कभी देखी गई होगी और देखने को मिलेगी । यहां कोर्ट परिसर में ही एक कमरे में फर्श पर राष्ट्रपति महोदय, राज्यपाल महोदय और देश के पीएम नरेंद्र मोदी का फ्रेम युक्त कैलेंडर लापरवाही से फर्श पर ही अपनी अनदेखी की कहानी बयान करता दिखाई दिया । इसी कैलेंडर के सामने घड़ी में समय अपनी चाल चलता हुआ दिखाई दिया । वही न्यायिक अधिकारियों के नाम वाले इनकंबेंसी बोर्ड भी जमीन पर ही दीवार के साथ टीके देखे गए । ऐसे में सवाल और जिज्ञासा दोनों ही हैं कि जहां न्यायिक अधिकारियों अथवा न्यायाधीशों के अंकित नाम वाले इनकंबेंसी बोर्ड को जो सम्मान मिलना चाहिए था , वह उसे वंचित है । इससे एक कदम आगे राष्ट्रपति महोदय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के पूर्व राज्यपाल और मौजूदा सीएम मनोहर लाल खट्टर के चित्र वाला कैलेंडर भी जमीन पर ही दीवार का सहारा लिए हुए अपने सम्मान को प्राप्त करने की जद्दोजहद करता महसूस किया गया। अब देखना यह है कि संबंधित विभाग-अधिकारी क्या और किस प्रकार से कार्रवाई करते हुए इस अनदेखी को सम्मान देने की पहल करते हैं।

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