चण्डीगढ़, 11 नवम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार के ‘मिशन अन्त्योदय’ में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, दुधौला की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसी कड़ी में 22 नवंबर से 15 दिसंबर तक 170 ‘अंत्योदय ग्रामोदय मेले’ लगाए जाएंगे जिनके माध्यम से एक लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।

श्री मनोहर लाल आज विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों की प्रगति को लेकर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री मूलचंद शर्मा भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू को कहा कि हर ‘अंत्योदय ग्रामोदय मेले’ में कौशल विश्वविद्यालय के 10 कर्मचारी अपनी स्टॉल लगाकर स्किल की जानकारी लोगों को दें ताकि वे अपने कौशल के अनुरूप रोजगार प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि जो भी प्रशिक्षण संस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं, उन्हीं  में स्किलिंग/ ट्रेनिंग के लिए विद्यार्थियों को भेजा जाए। इसके अलावा, जिन ट्रेनिंग संस्थानों में विद्यार्थियों को भेजा जाता है उनका डाटा भी रखा जाए। इसके लिए विश्वविद्यालय में बाकायदा सैल बनाया जाए जो इन सभी गतिविधियों पर नजर रखे। उन्होंने कुलपति को सभी स्किलिंग कोर्सों की पूरी डिटेल देने के निर्देश भी दिए हैं।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि युवाओं को समय की मांग के अनुरूप कौशल से जुड़ी शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवम्बर, 2018 को इस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी थी। इसका ट्रांजिट कार्यालय गुरुग्राम में जबकि स्थायी परिसर जिला पलवल के दुधौला में बन रहा है।  विश्वविद्यालय की प्लानिंग को तीन चरणों में बांटा गया है। इसके निर्माण कार्य को 6 पैकेज में विभाजित किया गया है और शैक्षणिक खंडों का लगभग 68 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय उद्योग समेकित ‘अर्न-व्हायल लर्न’ मॉडल के साथ काम कर रहा है, जो विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ-साथ कमाई का अवसर उपलब्ध करवाता है ताकि वे अपना खर्च चला सकें। यह विद्यार्थियों को वास्तविक रोजगार की दुनिया से रु-ब-रु करवाकर उन्हें अनुभव प्रदान करता है ताकि भविष्य में उन्हें बेहतर रोजगार मिल सके।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि विश्वविद्यालय ने प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा, डिग्री, अल्पकालिक कार्यक्रमों, छात्र विकास कार्यक्रमों आदि के माध्यम से लगभग 4000 छात्रों को प्रशिक्षित किया है। विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2021-22 में 31 अल्पावधि कार्यक्रमों के साथ 28 नियमित कार्यक्रम चलाए जाएंगे। विश्वविद्यालय द्वारा उद्योगों के कर्मचारियों के लिए कस्टमाइज कार्यक्रम बनाने और अपने उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से कौशल उन्नयन कार्यक्रम संचालित करने की संभावना तलाशने के लिए मारुति इंडिया लिमिटेड/रिलायंस/हेल्थियंस/आनंद ग्रुप के साथ एमओयू किए जा रहे हैं।

बैठक में वित्त एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन प्रसाद, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता तथा राज्य सरकार और विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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