कुछ लोग समाजसेवा के नाम पर कर रहे हैं ढोंग

सिरसा, 20 अक्तूबर:  इनेलो के प्रधान महासचिव व ऐलनाबाद के पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को अपने जनसंपर्क अभियान के तहत ऐलनाबाद हलके के गांव उमेदपुरा, मेहनाखेड़ा, चिलकनी ढाब, भूर्टवाला, कुमथला, मूसली, ममेराखुर्द, ममेरा कलां, पोहडक़ां, ढाणी लखजी आदि में ग्रामीणों से संपर्क किया और अपने समर्थन में वोटों की अपील की। उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग समाजसेवी की चादर ओढकर चुनाव लड़ रहे हैं जिन पर हत्या और बलात्कार जैसे संगीन अपराधों के केस दर्ज हैं। जो लोग कभी ‘गीतिका हम शर्मिदंा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगाते थे, वे ही उनके पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि उन्होंने किसी शौक से इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि किसानों व ऐलनाबाद के मतदाताओं के कहने पर दिया था और आज ऐलनाबादवासियों व किसानों के कहने पर ही वे यह चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब मतदाताओं को ही ये फैसला करना है कि वे किसान आंदोलन को मजबूत करना चाहते हैं अथवा कमजोर। उन्होंने कहा कि जो भाजपाई कभी किसानों को आतंकवादी व खालिस्तानी कहकर उनकी भावनाओं को आहत करते थे, वे ही अब किसानों के हितैषी बनने की चेष्टा कर रहे हैं। आज भी दिल्ली बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान अपने परिवार और खेतों को छोडक़र तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए संघर्षरत हैं मगर भाजपा सरकार पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है।

इनेलो नेता ने कहा कि यदि वे इन चुनावों में चूक गए तो विधानसभा तक में किसानों की आवाज बुलंद नहीं की जा सकेगी क्योंकि उनके जीतने से ही यह संभव है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि बीती 26 जनवरी को भी भाजपा ने हिंदुओं व सिखों को आपस में लड़वाने का षड्यंत्र रचा था मगर दोनों वर्गों में आपसी भाईचारा मजबूत होने से यह षड्यंत्र सफल नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भरत सिंह बेनीवाल को पैसे के अभाव में टिकट न देकर उसे बेच दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा-कांग्रेस के पास अपने उम्मीदवार ही नहीं थे, इसलिए उन्होंने नकली समाजसेवियों को टिकट बेच दिया और अब लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है मगर उन्हें पूरा भरोसा है कि ऐलनाबाद की समझदार जनता अपना निर्णय पहले ही इनेलो के हक में कर चुकी है। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मंत्री भागीराम, इनेलो जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह करीवाला, पूर्व विधायक डॉ. सीताराम, अभय सिंह खोड, भरत सिंह सिहाग, विजय सिंह खोड, सुभाष नैन व भगवान कोटली आदि पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे।

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