असली पहचान छिपा गर्लफ्रेंड का बर्थडे मनाना पड़ा महंगा, मांगी माफी

असली नाम छिपाकर दूसरे नाम से परिचय देकर बढ़ाई दोस्ती की पींगे.
ग्रामीण युवकों के एतराज करने पर उठ गया पूरे रहस्य से पर्दा.
बीते कई महीनों से युवकों का गांव में हो रहा था आवागमन

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे मुद्दों को लेकर एक दिन पहले ही पटौदी के रामलीला मैदान में महापंचायत का आयोजन किया गया । अभी इस महापंचायत की लोगों के बीच चर्चा शांत भी नहीं हुई थी, कि बेहद चैंकाने वाला मामला सामने आया । अपनी असली पहचान और समुदाय को छिपाकर कथित रूप से गर्लफ्रेंड का बर्थडे मनाना युवक के लिए महंगा पड़ गया। यह पूरा घटनाक्रम पटौदी विधानसभा क्षेत्र के एक गांव का बताया गया है ।

सूत्रों के मुताबिक अपनी असली और वास्तविक पहचान को छिपाकर कुछ युवकों के द्वारा एक गांव में कथित रूप से युवकों के साथ दोस्ती कर ली गई। बीते कई महीने से आवागमन बढ़ाते हुए दोस्ती को प्रगाढ़ कर लिया गया । कथित रूप से इसी दौरान नाम और पहचान छिपाने वाले युवकों के द्वारा गांव की ही युवतियों से संपर्क कर दोस्ती कर ली गई और कथित रूप से मोबाइल नंबर भी लेकर बातचीत का सिलसिला आरंभ कर दिया गया । सूत्रों के दावे के मुताबिक अपनी असली पहचान छिपाकर गांव में आवागमन करने वाले युवकों में से ही एक युवक गांव की एक युवती का बर्थडे मनाने के लिए केक लेकर गांव में पहुंच गया। इसी दौरान गांव के ही कुछ लोगों को शक होने पर पूछताछ की गई तो पहचान छिपाने वाले युवक व साथियों के द्वारा कथित रूप से गांव के ही युवकों को खरी खोटी सुनाते हुए इसी प्रकार से गांव में आने की खुली चुनौती दे डाली गई। यह बात गांव के युवकों को सहन नहीं हुई और कथित रूप से विरोध करते हुए युवकों को वहां से खदेड़ दिया गया ।

जैसे ही इस पूरे मामले का पटाक्षेप होने के साथ रविवार को पंचायत में मौजूद प्रबुद्ध लोगों को जानकारी मिली । इसके बाद में सभी एकजुट हो गए । वहीं सोमवार को दिनभर यह भी सोशल मीडिया पर चर्चा चलती रही की वर्ग विशेष अथवा समुदाय की शिकायत पर दूसरे समुदाय के कुछ युवकों को पुलिस के द्वारा गांव से उठा लिया गया है । हालांकि पुलिस के द्वारा इस बात से पूरी तरह इनकार किया गया है। समाचार लिखे जाने तक सूत्रों के मुताबिक गांव में मामले को स्थानीय स्तर पर ही समाप्त करने के लिए पंचायत का दौर चलता रहा । जब पत्रकारों को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिली तो बैठक अथवा पंचायत में मौजूद लोगों के द्वारा किसी भी प्रकार के फोटो अथवा रिकॉर्डिंग, कवरेज नहीं करने का अनुरोध किया गया । साथ ही यह कहा गया की है एक छोटा सा आपसी विवाद है , इसे स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया जाएगा । वहीं इसी मामले में जांच अधिकारी से जब बात की गई तो जांच अधिकारी ने इस बात की पुष्टि कर दी कि गांव में अपनी असली पहचान और नाम बदलकर जाने वाले पक्ष के द्वारा अपनी गलती को मान लिया गया है और दोनों पक्षों के बीच पंचायती तौर पर राजीनामा अथवा समझौता इस बात पर किया गया  कि अपनी असली पहचान और नाम छिपा कर जाने वाले भविष्य में कभी भी गांव में प्रवेश नहीं करेंगे।

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