कांग्रेस के नेता भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मैदान में उतरे
पटौदी जाटोली मंडी परिषद चुनाव में ऐसा ही खेल हो रहा
भाजपा समर्थक भाजपा उम्मीदवार के विरोध में सक्रिय हो गए
फतह सिंह उजाला
पटौदी । राजनीति की परिभाषा और व्याख्या जानने सहित इसमें अपना और पराया की पहचान का कोई पैमाना ही नहीं है। चुनाव में कब कौन किसके पक्ष में और कब विरोध में सक्रिय हो जाए ? या अपनी निष्ठा बदलकर किसी और पॉलीटिकल पार्टी के पक्ष में चल दें , कोई भरोसा नहीं होता । ऐसा ही कुछ अलग नजारा और खेल पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद चुनाव में भी देखने के लिए मिल रहा है।
पटौदी जाटोली मंडी परिषद चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण परिषद का अध्यक्ष पद का चुनाव माना जा रहा है । इसके साथ-साथ विशेष रूप से सत्ता पक्ष भाजपा के द्वारा विभिन्न 22 वार्ड में अपने पार्टी सिंबल पर ही उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में भेजा गया है। मुख्य मुकाबला विशेष रूप से अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच में बना हुआ है। राजनीति के मैदान में राजनीति का खेल भी बहुत ही रोचक बनता जा रहा है । अब यहां अपने ही खिलाड़ी अपनी ही टीम के खिलाफ फील्डिंग और बैटिंग दोनों करते दिखाई देने लगे हैं। सीधी – सीधी बात यही है कि कांग्रेस नेता भाजपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित बनाने में फील्ड में पहुंच चुके हैं । इसी प्रकार से भाजपा के कार्यकर्ता भाजपा के ही उम्मीदवार की पराजय के लिए कांग्रेस समर्थक उम्मीदवार को जीताने के लिए जी जान से जुटे हैं।
भाजपा और कांग्रेस पार्टी के द्वारा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए टिकट देने में जहां उम्मीदवार सहित पार्टी की जीत को प्राथमिकता प्रदान की गई। इसी प्रकार से टिकट के दावेदारों के द्वारा भी टिकट लेने के लिए पार्टी सहित पार्टी नेताओं के सामने मजबूत दावेदारी दिखाई गई । भाजपा हो या फिर कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के लिए चुनाव में उम्मीदवार के माध्यम से जीत राजनीतिक प्रतिष्ठा का सवाल सहित मुद्दा बना हुआ है। यही कारण है कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गुरुग्राम जिला में मानेसर और गुरुग्राम में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए पहुंचे । इसी प्रकार से कांग्रेस के नेता भी अपनी ही पार्टी और उम्मीदवार के पक्ष में पसीना बहाते दिखाई दे रहे हैं।
लेकिन जो खेल पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चुनावी मैदान में देखने के लिए मिल रहा है। उस खेल को क्या कहा जाए ? यह भी एक पहेली से काम नहीं। यहां भाजपा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार प्रवीण ठाकरिया के पक्ष में वोट सहित जीत का आह्वान करने के लिए कांग्रेस नेता अरिदमन सिंह बिल्लू ने मोर्चा खोल दिया। उनके द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी के सदस्यता स्वीकार की गई। कांग्रेस नेता के द्वारा भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में , उनका तर्क है कि भाजपा का उम्मीदवार गांव का ही बच्चा है । जाटोली गांव उनका अपना पैतृक गांव है । यही मुख्य कारण है कि वह जाटोली के रहने वाले भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट और जीत का आह्वान करने के लिए पहुंचे ।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और पटौदी की विधायक के बेहद नजदीक भाजपा नेता के द्वारा भाजपा की ही महिला उम्मीदवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है । इस विरोध का ठोस कारण तो सामने नहीं आ सका। महिला उम्मीदवार के पति और भाजपा नेता के बीच में चुनाव प्रचार के दौरान खूब कहा – सनी होना, भी लोगों के बीच में चर्चा बना हुआ है ।भाजपा महिला उम्मीदवार का विरोध इस हद तक किया गया कि भाजपा की ही विरोधी कांग्रेस पार्टी समर्थक महिला उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया जा रहा है । अब ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में से किसको फायदा और किसको नुकसान ज्यादा या कम होने वाला है ? इसके लिए 12 मार्च को होने वाली मतगणना तक इंतजार करना ही एकमात्र विकल्प बचा हुआ है।