डा. चंद्र त्रिखा निदेशक हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा किया गया विमोचन।
गांव ढाणी पाल हांसी में जन्मी जर्मनी वासी ने हरियाणा में आकर करवाया पुस्तक का विमोचन।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
चंडीगढ़ 16 दिसंबर : डॉ. त्रिखा ने कहा कि इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य हरियाणवी लोकगीत जो लिपिबद्ध ना होने के कारण लुप्त होते जा रहे हैं, उन्हें संरक्षित करना है।
115 पृष्ठों की पुस्तक में शिखा कुमारी ने 100 से अधिक लोक नृत्य गीतों का संकलन किया है। शिखा की यह चौथी पुस्तक है। इससे पहले ‘आशाओं की शिखा‘ व ‘ विष्णु अवतार: श्री देवनारायण’ व ‘हरियाणवी अध्यात्म गीत’ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । विष्णु अवतार: श्री देवनारायण ‘पुस्तक इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है जो देवनारायण पर हिंदी में लिखी गई पहली पुस्तक है। हरियाणवी अध्यात्म गीत’ पुस्तक हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकूला द्वारा पुस्तक प्रकाशनार्थ प्रोत्साहन योजना वर्ष 2020 में चयनित है। शिखा को भारत के कौंसुलावास फ्रैंकफर्ट जर्मनी द्वारा विश्व हिंदी दिवस पर द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। इस अवसर पर डॉ. संजीव कुमारी, विधी शर्मा, गौरांगी, विरेन्द्र सिंह , प्रदीप वशिष्ठ, श्याम सुंदर, डॉ. जितेंद्र परवाज़ व अन्य मौजूद रहे।राष्ट्रीय,अंतराष्ट्रीय स्तर के गणमान्य व सम्मानित जनों ने शिखा कुमारी को बधाई प्रेषित की हैं।