किसानों के साथ बदले की भावना से काम कर रही भाजपा सरकार : रणदीप सुरजेवाला

किसानों के साथ छल कर रही सरकार,अन्नदाता को लाठी और पेट पर लात मार रही सरकार!

चंडीगढ़, 25 जुलाई 2024 – राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस के सांसद रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी नीत सरकार किसानों के प्रति बदले की भावना से काम कर रही है क्योंकि उसे लगता है कि इस वर्ग के कारण उसे आम चुनाव में स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया और किसानों से जुड़ी प्रमुख योजनाओं की राशि को पूरी तरह से खर्च भी नहीं किया जा रहा है।

उच्च सदन में आम बजट 2024-25 और जम्मू कश्मीर के बजट पर संयुक्त चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने इसे ‘कुर्सी बचाओ, सहयोगी बचाओ और हार का बदला लेते जाओ बजट’ करार दिया। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या सरकार को देश के अन्नदाता किसानों की कराह, गरीब की लाचारी और बेरोजगार युवा की चिल्लाहट सुनाई देती है?

उन्होंने कहा, ‘‘क्या जाति और धर्म के विभाजन में फंसे, सत्ता में बैठे हुक्मरान इतने अंधे हो गए हैं कि उन्हें अब अन्नदाता किसान, गरीब और युवा भी जाति नजर आते हैं?’’ उन्होंने कहा कि बजट भाषण में किसान, युवा और महिलाओं को तीन जाति बताया गया है। सुरजेवाला ने कहा कि यह बजट ‘खेत, खेती और खेतिहर विरोधी’ है। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में इस सरकार ने देश के 72 करोड़ अन्नदाता किसानों की ‘पीठ पर लाठी और पेट पर लात मारी है।’ उन्होंने कहा कि इन किसानों के शरीर के घाव तो मिट गए पर आत्मा पर लगे घाव के निशान अभी तक ज्यों के त्यों हैं।

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने किसानों पर गोलियां चलायी, जीप से कुचलवाया और तीन काले कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों का उत्पीड़न किया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जब किसानों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई गई तो उन्होंने सत्तारूढ़ दल के 400 सीटों के दावे को हकीकत में 240 पर पहुंचा दिया जिसके बाद आज बजट के माध्यम से आप उसकी आजीविका छीन रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के साथ बदले की भावना से काम कर रही है।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की कृषि उपज की लागत पर 50 प्रतिशत का मुनाफा और वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के दो वादे किये थे। उन्होंने कहा कि क्या 2024-25 का आम बजट इस पैमाने पर खरा उतर पाया? सुरजेवाला ने कहा कि बजट भाषण में किसानों को कृषि उपज की लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने की जो बात कही गई है वह एक असत्य दावा किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों की कर्ज माफी के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार बजट में किसानों की भलाई के लिए योजनाओं की घोषणा करती है किंतु उनका धन खर्च ही नहीं करती है। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसानों को अल्पकालिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी फसल बीमा योजना आदि कई योजनाओं का उदाहरण आंकड़ों सहित दिया। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि देश के 35 प्रतिशत किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से आज तक वंचित हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट में किसान सम्मान निधि का आठ हजार करोड़ रूपया काट लिया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को छह हजार रूपये देने का ‘ढोल पीटती है किंतु किसानों से प्रति हेक्टेयर 70 हजार रूपये वसूल कर लेती है।’ उन्होंने दावा किया कि यह पहली ऐसी सरकार है जिसने यूरिया के बोरे से पांच किलो यूरिया कम कर दिया क्योंकि पहले यह बोरा 50 किलोग्राम का होता था जो अब 45 किग्रा का हो गया है।

उन्होंने कहा कि देश में कच्चे हीरे पर जीएसटी दर 0.5 प्रतिशत है, पालिश किए गये हीरे पर यह दर डेढ़ प्रतिशत है किंतु खाद पर यह दर पांच प्रतिशत, कीटनाशक पर यह दर 18 प्रतिशत और ट्रैक्टर पर पांच प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के लिए इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है? कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में खाने के तेल की जरूरत का 60 प्रतिशत आयात से पूरा किया जाता है और फिर भी वित्त मंत्री बजट में कहती हैं कि ‘हम आत्मनिर्भर हैं।’ उन्होंने कहा कि यही स्थिति दाल आयात की है जो लगातार बढ़ रहा है।

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