राव ने इंद्रजीत ने नीट पर, सांसद धर्मवीर तथा हरियाणा के मंत्री रणजीत चौटाला ने पंचायत अधिकारों पर खट्टर के फैसले पर जताया विरोध 16 जुलाई को हरियाणा की राजनीति में कोई बड़ा उलटफेर होगा? जाट मतदाताओं को लेकर कर सकते हैं बड़े निर्णय की घोषणा विधानसभा चुनाव तय करेंगे अहीरवाल की चौधर को अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व आजकल हरियाणा में केंद्रीय मंत्री, भाजपा सांसद तथा प्रदेश के मंत्री सरकार के फैसलों के खिलाफ खुलकर नाराजगी जता रहै है। उनकी नाराजगी को देखकर यह लगता है कि हरियाणा की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। विरोधी वक्तव्यों के बाद अमित शाह का 16 जुलाई को महेंद्रगढ़ में रैली भी ऐसा ही बयां कर रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा के चाणक्य जाट मतदाताओं को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। यह घोषणा अहीरवाल नेतृत्व की चौधराहट पर असर डाल सकता है। राव इंद्रजीत ने भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा में जाट प्रत्याशी को अहीरवाल से विजेता बनाकर बीजेपी लीडरशिप को अपनी शक्ति का आभास करा दिया। अब शाह अहीर लीडरशिप का मुकाबला करने के लिए जाटों के लिए क्या नया दांव खेलगे देखना हैं? नीट मामले में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी सरकार को घेरा। गुरुवार को एक समारोह में उन्होंने कहा कि नीट मामले में सरकार को कार्रवाई करनी पड़ेगी। कार्रवाई नहीं हुई तो युवाओं का राजनीति और सरकार से भरोसा उठ जाएगा। इस तरह की घटना का मैं विरोध करूंगा। मंत्री ने आगे कहा कि ये जो नीट के एग्जाम के लिए कुछ न कुछ करना पड़ेगा नहीं तो आने वाले समय में सरकार के प्रति बच्चों की आस्था खत्म हो जाएगी। हरियाणा में भी मैं देखता हूं। यहां भी कई पेपर लीक हुए। जब भी ऐसी हरकत होती है, इंद्रजीत सिह की आवाज बुलंद रहेगी। गलत को मैं गलत ही कहूंगा। इस दौरान राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जिस सरकार को हम बनाते हैं हमें उससे काम भी लेना है। आप लोगों के जो काम मेरे पास आए हैं मैं पूरी तवज्जो दूंगा। उन्होंने कहा कि भले ही हमें वोट दिया हो या नहीं, हम सभी का काम करेंगे। आप चाहे भिवानी के हो या गुरुग्राम के मेरे में ताकत होगी तो मैं आपका काम करवाऊंगा। इसके बाद भिवानी महेंद्रगढ़ से भाजपा सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने खुलकर बयान दिया की तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पंचायत के अधिकारों में कमी करने का निर्णय गलत था। अभी चौधरी धर्मवीर के बयान की धमक कम भी नहीं हुई थी कि हिसार लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में पराजित हुए हरियाणा के मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने भी नारनौल में कह दिया कि भाजपा की हार का कारण जाट आंदोलन के साथ-साथ पंचायत के अधिकारों में कमी करने का मुख्य रहा। उपरोक्त नेताओं की टिप्पणी ने हरियाणा की राजनीति में हलचल सी पैदा कर दी, कि प्रदेश में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। 16 जुलाई को महेंद्रगढ़ में भाजपा चाणक्य अमित शाह का ओबीसी सम्मेलन के बहाने दक्षिणी हरियाणा की राजनीति में धुर्वीकरण करने की कोशिश कहीं जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछड़े वर्ग की 72 जातियों को साधने के साथ अमित शाह जाट मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई बड़ा निर्णय की घोषणा कर सकते हैं। हमें नई पीढ़ी को तैयार करना होगा- राव इंद्रजीत केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि हमें नई पीढ़ी को भी तैयार करना होगा। हम रिटायर्ड लोग अकेले इस पौधे को सींच नहीं सकते हैं, राजनीति में मेरे 4-5 साल बचे हैं। राव के इस बयान को उनकी बेटी आरती के राजनीति में पदार्पण के तौर पर भी देखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी बेटी आरती राव इस चुनाव में हरियाणा की राजनीति में अपनी शुरुआत करेंगी। बेटी आरती राव को राजनीति में लाना चाहते हैं राव इंद्रजीत सिंह विधानसभा चुनाव कुछ महीने ही दूर हैं और सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के कई राजनीतिक नेता, विशेष रूप से मंत्री, सांसद और विधायक आगामी विधानसभा चुनावों में अपने बेटे-बेटियों को राजनीति के मैदान में उतारने के लिए कमर कस रहे हैं। एक तरफ केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव शुरुआत करने को तैयार हैं। राव ने हाल ही में कहा था, “वह एक सामाजिक संगठन इंसाफ मंच का नेतृत्व कर रही हैं और सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं। वह राजनीतिक शुरुआत करने की इच्छुक हैं और चुनाव लड़ेंगी।” कांग्रेस नेता भी हैं मैदान में कांग्रेस में हिसार के सांसद जय प्रकाश इस चुनाव के साथ अपने बेटे विकास सहारण के राजनीति में पदार्पण को लेकर आश्वस्त हैं। राव दान सिंह के बेटे अक्षत राव जो युवा कांग्रेस में नेता हैं, भी टिकट के दावेदारों में से हैं। सोनीपत जिले के गन्नौर या राय से चाणक्य शर्मा और जींद जिले के उचाना से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के लिए ताल ठोक रहे हैं। पूर्व गृह मंत्री संपत सिंह भी अपने बेटे गौरव के लिए हिसार के नलवा से कांग्रेस टिकट की कोशिश कर रहे हैं। बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी ने भी भिवानी जिले के बाढ़ड़ा या तोशाम से कांग्रेस टिकट के लिए अपना दावा पेश किया था। रोहतक और सोनीपत जिलों में, कांग्रेस के पूर्व विधायक आनंद सिंह के बेटे बलराम दांगी और बड़ौदा के दिवंगत) विधायक कृष्ण हुड्डा के बेटे जीता हुड्डा महम और बरोदा क्षेत्रों से दावेदारों में से हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप, आदित्य सुरजेवाला और राई (सोनीपत) विधायक जय तीरथ दहिया के बेटे रवीश भी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं। ये बीजेपी नेता भी चाहते हैं अपने बच्चों के लिए टिकट इस मामले में बीजेपी नेता भी पीछे नहीं हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे सोनीपत के पूर्व सांसद रमेश कौशिक और पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा भी अपने पुत्र के राजनीति में आने की आकांक्षाएं पाल रहे हैं। किरण चौधरी भी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लिए टिकट चाह रही हैं। सोनीपत से तीन बार विधायक रहीं देवी दास के पोते तरूण और पूर्व सांसद किशन सिंह सांगवान के बेटे प्रदीप सांगवान भी उम्मीदवार हैं। सीएम की कुर्सी से छोड़ी दावेदारी वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंचकूला में सीएम पद के लिए नायब सिंह सैनी के नाम का ऐलान किया, जिसके बाद गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम की कुर्सी पर दावेदारी छोड़ दी है। हिसार में एक कार्यक्रम के दौरान राव इंद्रजीत ने कहा कि इसका फैसला हो चुका। नायब सैनी ही अगुआई करेंगे। भले ही उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसका ऐलान कर दिया हो पर अहीरवाल की जनता मान रही है कि उन्होंने अपने मंसूबों को दबाया नहीं है। वह प्रदेश में दौरा कर लोगों को टटोल रहे हैं। उन्होंने हरियाणा भाजपा के भीतर गुटबाजी को भी खुले तौर पर स्वीकार कर कहा कि अभी तो यह गुटबाजी और बढ़ेगी। हरियाणा बीजेपी में गुटबाजी? वरिष्ठ नेता ने बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा था कि विधानसभा चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए सैनी को फिर से चुनने का निर्णय भाजपा आलाकमान का था लेकिन केंद्रीय मंत्री के लिए भी उनके नाम पर विचार नहीं करना उनके खिलाफ रोष था, आखिर पांच बार इस पद पर रहने वाला सबसे उम्रदराज़ राज्य मंत्री मैं ही हूं। इंद्रजीत, जो सैनी को सीएम चेहरे के रूप में चुने जाने पर पार्टी से नाराज थे, उन्होंने स्वीकार किया कि भाजपा में अंदरूनी कलह है। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए यह सामान्य बात है। मैं 34 साल तक कांग्रेस में रहा, जहां मैंने ऐसी ही गुटबाजी देखी। हरियाणा में भाजपा नई है और समय के साथ इसके गुट उभर कर सामने आएंगे। राव इंद्रजीत कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने से भी नाराज बताए जा रहे हैं। उनका पार्टी के स्टैंड के खिलाफ या पार्टी को असहज करने वाले बयान दिए जाने की एक वजह यह भी हो सकती है कि हरियाणा में बेटी के लिए टिकट लेने के मकसद से दबाव बनाया जाए। राव इंद्रजीत सिंह को सीएम बनना है और अहीरवाल की चौधर को कायम रखना है तो कोई निर्णायक निर्णय अपने पिता राव बीरेंद्र सिंह की तरह लेना होगा। 16 जुलाई को अहीरवाल का नेतृत्व क्या निर्णय लेगा यह देखने वाली बात होगी क्योंकि भाजपा ने प्रदेश में अहीर नेतृत्व को पहले ही पीछे में धकेल दिया है। Post navigation राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नाबार्ड के 43वें स्थापना दिवस समारोह में की शिरकत हरियाणा के लाल से डरती है भाजपा, साज़िश के तहत किया था गिरफ़्तार – डॉ. सुशील गुप्ता