भाजपा के नेता जिस तरह सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को सार्वजनिक धमकियां दे रहे है, वह लोकतांत्रिक परम्पराओं, लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है : विद्रोही

यदि लोकसभा चुनावों के दौरान किसी अधिकारी व कर्मचारी ने किसी दल या उम्मीदवार विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया है तो उसको भी दंडित करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है न कि हरियाणा भाजपा सरकार को : विद्रोही

14 जून 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेता जिस तरह सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को सार्वजनिक धमकियां दे रहे है, वह लोकतांत्रिक परम्पराओं, लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री, मंत्री व अन्य भाजपा नेता कह रहे है कि जिन अधिकारियों ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ काम किया है, उनके विरूद्ध सरकार कठोर कार्रवाई करेगी। दूसरे शब्दों में भाजपा यह कह रही है कि लोकसभा चुनावों में अपने पद का दुरूपयोग करके भाजपा के पक्ष में काम नही किया, उन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी किसी भी सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता नही होते जो चुनावों में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में काम करे। कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने प्रशासनिक काम के लिए सरकार के प्रति जवाबदेह है न कि राजनीति कार्यो के लिए जवाबदेह। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी एक नागरिक व वोटर के नाते किसे वोट देते है और किस उम्मीदवार को योग्य समझते है, यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है जिसे सत्ता दुरूपयोग से छीना नही जा सकता।

  विद्रोही ने कहा कि यदि लोकसभा चुनावों के दौरान किसी अधिकारी व कर्मचारी ने किसी दल या उम्मीदवार विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया है तो उसको भी दंडित करने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है न कि हरियाणा भाजपा सरकार को। जब किसी अधिकारी वे कर्मचारी के खिलाफ चुनाव दौरान किसी दल विशेष के पक्ष में पद का दुरूपयोग करने की शिकायत चुनाव आयोग या सम्बन्धित आर्थिटी के खिलाफ हुई ही नही तब भाजपा सरकार अपेक्षित चुनाव परिणाम न मिलने पर इसका ठीकरा किसी अधिकारी व कर्मचारी पर फोडकर उसके खिलाफ कैसे कदम उठा सकती है? विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्रीयों का सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ काम करने का बयान देकर अधिकारियों व कर्मचारियों पर बनाया जा रहा अनुचित दबाव गैरकानूनी है। भाजपा सरकार विधानसभा चुनावों में अपनी दिख रही हार के डर से ऐसा कुप्रयास कर रही है ताकि विधानसभा चुनावों में वह अधिकारियों व कर्मचारियों को डराकर भाजपा को लाभ पहुंचाने का कार्य करवा सके जो सत्ता दुरूपयोग का खुला प्रमाण है।   

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