इन जन-औषधि केन्द्रों में फार्मासिस्ट भी नियुक्त किए जाएंगें- अनिल विज

राज्य के 17 जिलों में सीटी स्कैन सेवांए चालू हैं- विज

राज्य की 162 पीएचसी/सीएचसी अन्य के जीर्णाद्धार के लिए राशि को जारी कर दिया है- विज

चंडीगढ़, 27 फरवरी- हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य के सभी नागरिक अस्पतालों में जन-औषधि केन्द्र स्थापित किए जाएंगें और इस संबंध में केन्द्र सरकार से बातचीत चल रही है। इन जन-औषधि केन्द्रों में फार्मासिस्ट भी नियुक्त किए जाएंगें।        

श्री विज आज यहां हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।        

उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में सभी 22 जिलों को कवर करते हुए खुदरा दवा लाइसेंस रखने वाले लगभग 171 केन्द्र हैं। सरकारी अस्पतालों/मैडीकल कालेजों में पांच केन्द्र चल रहे हैं। प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य कल्याण समिति को कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया गया है, इनमें से करनाल, भिवानी, रेवाडी, गुरूग्राम और यमुनानगर के जिला अस्पतालों में पांच जन-औषधि केन्द्रों ने काम करना शुरू कर दिया है।        

श्री विज ने कहा कि राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में पीपीपी मोड के तहत सीटी स्कैन/एमआरआई स्कैन को शुरू किया गया है और वर्तमान में झज्जर, चरखी-दादरी, फतेहाबाद, नूंह और नारनौल को छोड़कर 17 जिलों में सीटी स्कैन सेवांए चालू हैं तथा झज्जर और चरखी-दादरी के लिए निविदाएं जारी की गई है। उन्होंने बताया कि एमआरआई सेवाएं 5 जिलों अंबाला,  भिवानी,  फरीदाबाद, गुरूग्राम और पंचकूला में उपलब्ध हैं और 6 जिलों कुरूक्षेत्र, पानीपत, बहादुरगढ (झज्जर),  पलवल,  चरखी-दादरी और यमुनानगर के लिए निविदा पहले ही जारी की जा चुकी और प्रक्रियाधीन है।       

 स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य की 162 पीएचसी/सीएचसी अन्य के जीर्णाद्धार के लिए राशि को जारी कर दिया गया है और इसके तहत चरखी-दादरी के सीएचसी व पीएचसी पहले चरण में ही तैयार की जाएगी तथा सभी 29 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों का पुननिर्माण अगले वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दादरी शहर के नागरिक अस्पताल में किफायती दरों पर दवाईयां उपलब्ध कराने का कार्य अगले वित्तीय वर्ष में पूरा होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड के माध्यम से सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन की सुविधा प्रदान करने के लिए निविदा प्रक्रियाधीन है और इसे अगले वित्तीय वर्ष में अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

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