राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) डीपी वत्स ने किया श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का अवलोकन।

कौशल शिक्षा का मॉडल विकसित करने के लिए कुलपति डॉ. राज नेहरू को दी बधाई।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) डीपी वत्स ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की ऑन द जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) का फॉर्मूला अद्भुत है। यह सीखने की बेहतरीन प्रक्रिया है। युवाओं को इसी तरह की हैंड ऑन प्रैक्टिस की आवश्यकता है। वह सोमवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अवलोकन के दौरान अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने सांसद डीपी वत्स का विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर भावभीना स्वागत किया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का विवरण भी प्रस्तुत किया।

लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) डीपी वत्स ने इस मौके पर कहा कि देश की आबादी 140 करोड़ से भी ज्यादा है। देश के युवाओं को कौशल के माध्यम से सक्षम बनाए जाने की आवश्यकता है। हमें अपने युवाओं को कुशल बनाकर पूरी दुनिया में रोजगार के अवसरों को भुनाना है। उन्होंने कुलपति डॉ. राज नेहरू की सराहना करते हुए कहा कि यह कौशल शिक्षा का अनुपम मॉडल तैयार करना बड़ी उपलब्धि है। विद्यार्थियों की ट्रेनिंग और प्लेसमेंट के प्रबंधन से भी सांसद वत्स काफी प्रसन्न नजर आए। उन्होंने विश्वविद्यालय के ऑर्गेनिक कृषि फार्म का भी भ्रमण किया। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का अवलोकन करते हुए उन्होंने अत्याधुनिक मशीनों के बारे में बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने अपनी सांसद निधि से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को दो पानी के टैंकर देने की घोषणा की।

कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने सांसद डीपी वत्स का आभार ज्ञापित किया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विश्वविद्यालय की अवधारणा और क्रियाकलापों पर प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर प्रो. आशीष श्रीवास्तव, परीक्षा नियंत्रक प्रो. निर्मल सिंह, प्रो. ए के वत्तल, प्रो. जॉय कुरियाकोजे, प्रो. डी के गंजू, डॉ. संजय राठौर, डॉ. मनी कंवर, डॉ. रवींद्र, डॉ. सविता शर्मा, संयुक्त निदेशक विनीत सूरी, उप निदेशक अमीष अमेय, उप निदेशक डॉ. वैशाली माहेश्वरी, डिप्टी प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. विकास भदोरिया, उप कुल सचिव डॉ. ललित शर्मा और एसडीओ नरेश संधू भी उपस्थित थे।

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