पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में देरी, संविधान और पंचायती राज नियमों की अवहेलना : सुनीता वर्मा छोटे-छोटे कार्यों के लिए ग्रामीण परेशान तो प्रशासक के हाथों गबन व भ्रष्टाचार के बढे मामले 26/6/2022 :- पंचायती राज एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के संशोधित आदेश आने की सम्भावना के चलते पंचायत चुनावों पर फिर संकट आ गया है, पंचायत विभाग के मुख्यालय की तरफ से सभी डीडीपीओ को भेजे गए निर्देश में जहां , फिर से रोक दिया गया है वहीं , भी अभी फिलहाल टालने का निर्देश दिया गया है। सरकार के इस निर्णय पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रदेश की खट्टर सरकार को जनविरोधी बताते हुए प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में उन्होनें प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होनें कहा कि प्रदेश की करीब 6200 से अधिक पंचायतें पिछ्ले डेढ वर्षों से भंग हैं, सरपंच बेदम है और पंचायतें प्रशासकों के हवाले हैं। नतीजतन गांवों के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले बढें हैं। अधिकारी ठेकेदारों से मिलीभगत करके घोटालों को अंजाम दे रहे हैं, मनरेगा मजदूरों की मजदूरी के नाम पर गबन हो रहा है। करीब 2400 करोड़ का बजट लैप्स हो चूका है। महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि 23 फरवरी 2021 को निवर्तमान पंचायतों का कार्यकाल पुरा हो चूका है। निर्धारित तिथी के बीत जाने के बाद भी खट्टर सरकार कोर्ट केस की आड़ लेकर इन चुनावों को जानबूझ कर लटका रही है, जो कि संवैधानिक नियमों की सरासर अवमानना है। उन्होनें कहा कि ये बीजेपी सरकार इन चुनावों में होने वाली अपनी फजीहत से डर कर अदालत में केस चलने का बहाना बना कर लोगों को गुमराह कर रही है, जबकी माननीय अदालत ने इस मामले में अपना रुख पहले ही ये कह कर स्पष्ट कर दिया है की सरकार चाहे तो पूर्व के नियमों पर चुनाव करा सकती है, किन्तु सरकार अपनी हठधर्मिता के कारण संविधान के अनुच्छेद 243-ई की जमकर धज्जियां उड़ा रही है। वर्मा ने कहा की संविधान के इस अनुच्छेद में यह स्पष्ट उल्लेख है की अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारिख से पांच साल तक पंचायतें रहेंगी। उसके विघटन की तारिख से छ: माह की अवधि की समाप्ति से पूर्व ये चुनाव कराने आवश्यक होते हैं, किन्तु लोकतंत्र व संविधान को न मानने वाली ये बीजेपी अपनी मनमानी पर उतर आई है। उन्होनें कहा कि पंचायत चुनाव न होने से जहां ग्रामीण विकास कार्य ठप्प हो गए हैं वहीं गांवों की सामाजिक व्यवस्था भी चरमरा गई है। आपसी गुटबाजी पैर पसार रही है और आपसी भाईचारा छिन्न-भिन्न हो रहा है। महिला कांग्रेस नेत्री ने प्रदेश की खट्टर सरकार से आग्रह किया की ग्रामीण व्यवस्था को बहाल करने के लिए जल्द से जल्द पंचायत चुनाव कराये जायें। Post navigation हरियाणा में मेरी भूमिका पीएम मोदी की तरह मुख्य सेवक की है : मनोहर लाल, सीएम हरियाणा बिलासपुर पुलिस में 64 किलो 380 ग्राम गांजा की खेप की बरामद