मंत्रिमंडल ने हरियाणा जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अध्यादेश, 2025 को मंज़ूरी दी
42 राज्य अधिनियमों में निहित 164 प्रावधानों को अपराध मुक्त किया जाएगा
चंडीगढ़, 12 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अध्यादेश, 2025 को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह पहल भारत सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में अनुपालन बोझ को कम करने और छोटे अपराधों को अपराध मुक्त करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
हरियाणा जन विश्वास अध्यादेश, 2025, 17 विभागों द्वारा प्रशासित 42 राज्य अधिनियमों में निहित 164 प्रावधानों को अपराध मुक्त करने का प्रयास करता है। यह अध्यादेश छोटी तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूकों के लिए आपराधिक दंडों के स्थान पर दीवानी दंड और प्रशासनिक कार्रवाई का प्रावधान करता है। यह अप्रचलित और अनावश्यक धाराओं को भी हटाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कानूनी ढाँचा अधिक पारदर्शी, कुशल और सुविधाजनक हो।
यह सुधारात्मक पहल भारत सरकार द्वारा जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 के अधिनियमन के बाद की गई है, जिसके तहत 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराध मुक्त किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा जारी परामर्श के अनुसरण में, हरियाणा ने राज्य स्तर पर भी इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाने के लिए अपने कानूनों की व्यापक समीक्षा की है।
हरियाणा जन विश्वास अध्यादेश, 2025 को चौथे मुख्य सचिवों के सम्मेलन के दौरान एक प्रमुख कार्य-सूची के रूप में पहचाना गया और यह भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय द्वारा समन्वित चल रहे अनुपालन न्यूनीकरण और विनियमन-मुक्ति (सीआरडी) अभ्यास का एक महत्वपूर्ण घटक है। सभी संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों की भागीदारी के साथ, हरियाणा के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई कई बैठकों के बाद इस ऐतिहासिक सुधार को अंतिम रूप दिया गया।
यह अध्यादेश आज तक किसी भी राज्य सरकार द्वारा किए गए सबसे व्यापक गैर-अपराधीकरण प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें सबसे अधिक संख्या में आपराधिक प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव है।
पंजाब फैक्ट्री नियम, 1952 में संशोधन के मसौदा अधिसूचना के प्रस्ताव को मंजूरी
चंडीगढ़, 12 अक्टूबर – मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब फैक्ट्री नियम, 1952 में संशोधन के मसौदा अधिसूचना के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। यह संशोधन कारखानों में कुछ प्रक्रियाओं में महिलाओं को कार्य करने की अनुमति देने से संबंधित है।
प्रस्तावित संशोधन के तहत नियमों के अंतर्गत देय शुल्क को अब ऑनलाइन माध्यम से जमा कराने की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह संशोधन निर्धारित सुरक्षा शर्तों के अधीन सभी श्रेणियों के कार्यों में महिलाओं के रोजगार की अनुमति देता है।
इस संशोधन से लैंगिक असमानता समाप्त होगी, महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, और इंजीनियरिंग, केमिकल्स तथा विनिर्माण जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा, जहां पहले महिलाओं की भागीदारी सीमित थी। यह निर्णय हरियाणा सरकार की आधुनिक श्रम सुधार, महिला सशक्तिकरण तथा समान अवसर के सिद्धांतों (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16) के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
संशोधन यह भी सुनिश्चित करता है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं खतरनाक श्रेणी के कार्यों से बाहर रहें, जिससे उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की पूर्ण सुरक्षा बनी रहे।
हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति
चण्डीगढ़, 12 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के माध्यम से हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
हरियाणा पंचायती राज अधिनियम में अध्यादेश जारी करके किए गए संशोधन के अनुसार, किसी भी सरकारी योजना के पात्र लाभार्थियों पर विचार और उन्हें मंजूरी देने के लिए आयोजित ग्राम सभा की बैठक का कोरम ग्राम सभा के सदस्यों का 40 प्रतिशत होगा। हालांकि, पहली और दूसरी स्थगित बैठकों में, कोरम क्रमशः ग्राम सभा के सदस्यों का 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत से होगा।
इस निर्णय से न केवल पंचायती राज व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी बल्कि उनकी कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा।








