हरियाणा मंत्रिमंडल ने एचआईवी/एड्स रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम, 2017 के अंतर्गत राज्य नियमों के निर्माण को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 12 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 की धारा 49 की उपधारा (1) के अंतर्गत राज्य नियमों के निर्माण को मंजूरी दी गई।
नए नियमों को हरियाणा मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम नियम, 2025 कहा जाएगा।
इन नियमों के अंतर्गत, राज्य सरकार अपने छह प्रशासनिक प्रभागों के आयुक्तों को लोकपाल के रूप में कार्य करने के लिए नामित करेगी। अधिनियम की धारा 23 में उल्लिखित उनकी भूमिका एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों की शिकायतों का निपटारा करना है। प्रत्येक लोकपाल अपने-अपने प्रभागों—रोहतक, हिसार, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अंबाला—में कार्य करेगा और संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा समर्थित होगा।
राज्य सरकार नैदानिक सुविधाओं को मजबूत करने और संक्रमणों, अर्थात् ऐसे संक्रमण जो प्रतिरक्षा को कम कर सकते हैं, के प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करेगी।यह उप-स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, नागरिक अस्पतालों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क नैदानिक सेवाएँ प्रदान करेगी।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार, एआरटी केंद्रों, सुविधा-एकीकृत एआरटी (एफआईएआरटी) केंद्रों और लिंक एआरटी (एलएआरटी) केंद्रों पर सभी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को निःशुल्क एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) दवाएं उपलब्ध कराई जाएँगी।
सरकार एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को नैदानिक और उपचार सेवाएँ प्रदान करने में निजी चिकित्सा क्षेत्र को भी सक्रिय रूप से शामिल करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेवाएँ बिना किसी भेदभाव के प्रदान की जाएँ। निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया जाएगा कि वे सभी एचआईवी पॉजिटिव मामलों की सूचना निकटतम एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र या सरकारी अस्पताल को आगे के प्रबंधन और उपचार के लिए दें, साथ ही निजता के अधिकार सहित व्यक्तियों के मानवाधिकारों का भी कड़ाई से पालन करें।
इसके अतिरिक्त, राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप, सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमणों के निदान और उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाएगा।
ये नियम लोकपाल के कार्यों और जिम्मेदारियों को भी परिभाषित करते हैं, जिनका उद्देश्य एचआईवी से प्रभावित बच्चों, एचआईवी से प्रभावित व्यक्तियों और एचआईवी से ग्रस्त व्यक्तियों के अधिकारों और हकों की रक्षा करना है।
हरियाणा कारागार नियम, 2022 में ‘आदतन अपराधी’ की परिभाषा को शामिल करने के लिए संशोधन को मंजूरी दी
चंडीगढ़, 12 अक्टूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कारागार नियम, 2022 में ‘आदतन अपराधी’ की परिभाषा को शामिल करने के लिए संशोधन को मंजूरी दी गई। संशोधित नियमों को हरियाणा कारागार (संशोधन) नियम, 2025 कहा जाएगा।
संशोधित नियमों के तहत, हरियाणा कारागार नियम, 2022 के नियम 2, उप-नियम (1), खंड (xi) में आदतन अपराधी की परिभाषा को निम्नानुसार संशोधित किया गया है
‘आदतन अपराधी से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसे पांच वर्ष की किसी भी लगातार अवधि के दौरान, विभिन्न अवसरों पर किए गए किसी एक या अधिक अपराधों के लिए दो बार से अधिक अवसरों पर दोष सिद्ध ठहराया गया है और कारावास की सजा सुनाई गई हो और उसी कार्यवाही का भाग नहीं हो, ऐसा दण्डादेश को अपील या पुनरीक्षण में उलट नहीं किया गया हो।
बशर्ते कि ऊपर उल्लिखित पांच वर्ष की निरंतर अवधि की गणना करते समय, कारावास की सजा के तहत या डिटेंशन के तहत जेल में बिताई गई किसी भी अवधि को हिसाब में नहीं लिया जाएगा।
हरियाणा हाउसिंग बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारुप को मंजूरी
चंडीगढ़, 12 अक्टूबर- मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा हाउसिंग बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारुप को मंजूरी प्रदान की गई। इस संशोधन का उद्देश्य हरियाणा हाउसिंग बोर्ड का हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के साथ विलय सुनिश्चित करना है।
इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य शहरी विकास और आवास संबंधी कार्यों को सुव्यवस्थित करना, प्रशासनिक दोहराव को समाप्त करना तथा नागरिकों को सेवाओं की आपूर्ति में दक्षता बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2025–26 के अपने बजट भाषण में हाऊसिंग बोर्ड हरियाणा को भंग कर उसके कार्य एचएसवीपी में समाहित करने की घोषणा की थी, ताकि शहरी विकास एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके।
इस संशोधन का कोई प्रत्यक्ष वित्तीय प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि इस विलय से संबंधित संचालनात्मक कार्य मौजूदा प्रशासनिक ढांचे के माध्यम से ही संपादित किए जाएंगे।
ग्राम शामलात भूमि नियम, 1964 में संशोधन को मंजूरी
चंडीगढ़, 12 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में ग्राम शामलात भूमि नियम, 1964 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
नियम 6 (2) में संशोधन के अनुसार, यह प्रावधान किया गया है कि खेती के लिए पट्टे पर दी जाने वाली प्रस्तावित भूमि में से 4 प्रतिशत भूमि बेंचमार्क विकलांगता (60 प्रतिशत या इससे अधिक) वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित की जाएगी।
इसके अलावा ग्राम शामलात भूमि नियम, 1964 के नियम 6 (2ए) में भी संशोधन किया गया है। इसके अनुसार, गौ अभ्यारण्य स्थापित करने के उद्देश्य से पशुपालन एवं डेयरी विभाग या हरियाणा गौ सेवा आयोग को 20 वर्ष की अवधि के लिए 5100 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से कुछ नियमों और शर्तों पर भूमि पट्टे पर देने का प्रावधान किया गया है।
बैठक में यह भी मंजूरी दी गई कि ग्राम पंचायत अपने स्तर पर 250 एकड़ तक की भूमि की भूमि उपयोग योजना तैयार कर सकेगी। इससे पहले यह सीमा 100 एकड़ तक थी। यदि पंचायत समिति और जिला परिषद द्वारा प्लान को तय समयावधि में अनुमति नहीं दी जाती या असहमति होने पर ग्राम पंचायत उपयुक्त निर्णय के लिए राज्य सरकार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकती है।








