हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या पर जताया शोक

दलित अधिकारियों के साथ भेदभाव पर सरकार को घेरा, निष्पक्ष जांच की मांग

चंडीगढ़, 9 अक्टूबर: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं एडीजीपी श्री वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या की घटना को अत्यंत दुःखद और हृदय विदारक बताया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रशासनिक तंत्र की विफलता को उजागर करता है, बल्कि समाज में दलित अधिकारियों के साथ हो रहे भेदभाव की भी एक गंभीर तस्वीर प्रस्तुत करता है। प्रदेश अध्यक्ष ने दिवंगत अधिकारी के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि क्या हरियाणा की भाजपा सरकार में कानून, सामाजिक न्याय और प्रशासनिक संरचना इतनी कमजोर, असंवेदनशील या पक्षपातपूर्ण हो चुकी है कि एक एडीजीपी रैंक के दलित आईपीएस अधिकारी को भी न्याय नहीं मिल पाता? क्या उनकी शिकायतों की सुनवाई तक नहीं होती? उन्होंने कहा कि यदि इतना उच्च पद धारण करने वाला अधिकारी अपनी व्यथा नहीं सुना पाया, तो आम दलित कर्मचारी किससे न्याय की उम्मीद रखे?

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीते ग्यारह वर्षों में विशेष रूप से दलित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार, पदोन्नति में पक्षपात और सार्वजनिक रूप से अपमानित किए जाने की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस व्यवस्था को सबके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, वहीं दलित वर्ग के अधिकारियों को बार-बार अपमान और उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है।

उन्होंने कुछ घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा—
• एक वरिष्ठ भाजपा मंत्री द्वारा एक बैठक के दौरान एक दलित महिला आईपीएस अधिकारी को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया।
• अंबाला की एक दलित महिला भाजपा विधायक को पार्टी के ही लोगों द्वारा धमकियाँ दी गईं, जिससे उन्हें सुरक्षा की गुहार लगानी पड़ी।
• हिसार में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान एक दलित भाजपा विधायक को मंच पर बैठने तक की अनुमति नहीं दी गई, जिससे उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी की लगातार चुप्पी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता जनक है। उन्होंने मांग की कि दिवंगत एडीजीपी श्री वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच करवाई जाए, दोषियों को कठोर दंड दिया जाए और दिवंगत अधिकारी के परिवार को न्याय व सुरक्षा प्रदान की जाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव सामाजिक न्याय, समान अवसर और दलित अधिकारों की पक्षधर रही है। ऐसी दुखद घटनाएं न केवल सरकार की नाकामी को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि वर्तमान सत्ता संरचना में संवेदनशीलता और जवाबदेही का कितना अभाव है।

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Author: Bharat Sarathi

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