हरियाणा में जापान का 1400 करोड़ का निवेश : रोजगार और औद्योगिक प्रगति की नई दिशा

सुरेश गोयल ‘धूप वाला’ पूर्व जिला महामंत्री भाजपा 
हरियाणा के लिए यह सप्ताह एक ऐतिहासिक अवसर लेकर आया है। प्रदेश में औद्योगिक और रोजगार विकास के क्षेत्र में एक नई छलांग लगाते हुए जापान की प्रमुख कंपनियों ने हरियाणा में 1400 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है। इस निवेश के तहत 15 हजार युवाओं को रोजगार मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। यह समझौता ज्ञापन (एमओयू) हरियाणा सरकार और जापान की सात बड़ी कंपनियों के बीच टोक्यो में हस्ताक्षरित हुआ है।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी  ने कहा कि यह निवेश न केवल हरियाणा बल्कि पूरे उत्तर भारत के औद्योगिक नक्शे को नई दिशा देगा। जापान और हरियाणा के बीच यह साझेदारी दोनों देशों के आपसी संबंधों को और भी मजबूत बनाएगी। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसी योजनाओं के अनुरूप है, जो विदेशी निवेश के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दोहराती है।

रोहतक बनेगा औद्योगिक हब

जापान की टीडीके कंपनी और उसकी सहयोगी इकाइयों द्वारा रोहतक में 220 एकड़ भूमि पर औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना में इलेक्ट्रॉनिक्स, मेटल, ऑटोमोटिव पार्ट्स और इंजीनियरिंग निर्माण से जुड़ी अत्याधुनिक यूनिटें स्थापित की जाएंगी। अनुमान है कि इस निवेश से सीधे तौर पर लगभग 1700 युवाओं को रोहतक में रोजगार मिलेगा, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से हजारों अन्य लोगों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
रोहतक में यह निवेश केवल एक औद्योगिक परियोजना नहीं, बल्कि हरियाणा के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा। यह क्षेत्र पहले ही शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में अग्रणी रहा है, अब यहां उद्योगों की स्थापना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

हरियाणा बनेगा जापान का ‘पार्टनर स्टेट’

जापान की कंपनियों के साथ यह साझेदारी केवल एक औद्योगिक समझौता नहीं बल्कि एक दीर्घकालिक संबंध की नींव है। जापान सरकार ने हरियाणा को ‘पार्टनर स्टेट’ के रूप में चिन्हित किया है, जिसके तहत जापानी तकनीकी और प्रबंधन विशेषज्ञता को हरियाणा में लाया जाएगा। इसके माध्यम से राज्य के उद्योगों को आधुनिकता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री  नायब सिंह  ने बताया कि 2026 में प्रस्तावित “हरियाणा इन्वेस्टर्स समिट” में जापान विशेष भागीदार देश के रूप में शामिल होगा। इससे दोनों पक्षों के बीच तकनीकी सहयोग, औद्योगिक आदान-प्रदान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का नया अध्याय खुलेगा।

कौशल विकास पर विशेष जोर

हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस निवेश का बड़ा हिस्सा युवाओं के कौशल विकास पर खर्च किया जाएगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और तकनीकी विश्वविद्यालयों के माध्यम से युवाओं को जापान की उन्नत तकनीक के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि प्रदेश का युवा वर्ग ‘स्किल इंडिया’ अभियान का सशक्त उदाहरण बनेगा।
जापान के निवेश से हरियाणा में इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, ऑटोमोबाइल, रोबोटिक्स और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक उद्योग स्थापित होंगे। यह निवेश राज्य को ‘इंडस्ट्री 4.0’ की दिशा में आगे बढ़ाने वाला साबित होगा।

भविष्य की संभावनाएँ

यह निवेश हरियाणा के औद्योगिक परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। अब तक राज्य में जापानी निवेश मुख्यतः गुरुग्राम और मानेसर तक सीमित था, लेकिन अब यह विस्तार रोहतक जैसे आंतरिक जिलों तक पहुँचने जा रहा है। इससे क्षेत्रीय असमानता घटेगी और विकास का लाभ ग्रामीण अंचलों तक पहुंचेगा।
साथ ही, जापान के निवेश से हरियाणा में आधुनिक अवसंरचना, स्वच्छ उद्योग, पर्यावरण संतुलन और स्मार्ट उत्पादन प्रणालियों की स्थापना संभव होगी। यह साझेदारी भारत-जापान की मैत्री को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
हरियाणा में जापान का यह 1400 करोड़ रुपये का निवेश केवल आर्थिक सौदा नहीं, बल्कि एक नए औद्योगिक युग का उद्घोष है। इससे प्रदेश के युवाओं को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि तकनीकी दक्षता, वैश्विक दृष्टि और आत्मनिर्भरता की भावना भी विकसित होगी। यह कदम हरियाणा को भारत के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में शीर्ष स्थान पर ले जाने की दिशा में एक सशक्त पहल साबित होगा।
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Author: Bharat Sarathi

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