मेरी यादों में जालंधर- भाग सत्रह …….. क्या मोहन राकेश ही कालिदास तो नहीं थे?
-कमलेश भारतीय पता नहीं, किधर से किधर , यादों की गलियों में निकल जाता हूँ और बहुत बार यादों में खोया-खोया, किसी एक में पूरी तरह खो जाता हूँ। आज…
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-कमलेश भारतीय पता नहीं, किधर से किधर , यादों की गलियों में निकल जाता हूँ और बहुत बार यादों में खोया-खोया, किसी एक में पूरी तरह खो जाता हूँ। आज…
-कमलेश भारतीय यादें भी क्या चीज़ हैं, जो आती हैं, तो आती ही जाती हैं । इनके आने का न तो कोई सबब होता है और न ही कोई ओर-…
-कमलेश भारतीय अपने देश के विश्वविद्यालयों में अभी तक सिर खफा रहे हैं शोधार्थी कि सूरदास वगैरह प्राचीन कवियों के जन्मस्थान कहां हैं ? बेचारे शोध छात्र क्या करें ?…