बिहार के रहने वाले किसी राम आसरे नाम के व्यक्ति ने 8 अलग-अलग चेकों के जरिए ये पैसे निकलवाए हैं. ये चेक दिल्ली ब्रांच के पंजाब नेशनल बैंक से क्लियर करवाए गए. FIR दर्ज की जा चुकी है.

 बहादुरगढ़ नगर परिषद को 88 लाख 68 हजार रुपये का चूना लग गया है. प्रधानमंत्री आवास योजनाके खाते से 8 अलग-अलग चेकों के जरिए 88 लाख 68 हजार रुपये निकाल लिए. बिहार के रहने वाले किसी राम आसरे नाम के व्यक्ति ने चेक के जरिए ये पैसे निकलवाए हैं. दिल्ली ब्रांच के पंजाब नेशनल बैंक से चेक क्लियर करवाए गए. बहादुरगढ़ की आईडीबीआई बैंक में नगर परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना का खाता खुलवाया हुआ है. वहीं नगर परिषद फंड के खाते से भी चेक का क्लोन बनाकर 9 लाख 93 हजार रुपये निकाल लिए. परिषद के अधिकारियों को जब इसकी भनक लगी तो एक्सिस बैंक ने 9 लाख 93 हजार रुपये नगर परिषद के खाते में ट्रांसफर कर दिए. फिलहाल 88 लाख 68 हजार की चपत नगर परिषद को लग चुकी है. पुलिस ने मामला दर्ज (FIR) कर लिया है.

प्रदेश की सबसे संपन्न नगर परिषदों में शुमार बहादुरगढ़ नगर परिषद के साथ कुल मिलाकर 98 लाख 61 हजार का फ्रॉड हो गया है. हालांकि वक्त रहते चेतने पर नगर परिषद को 9 लाख 93 हजार रुपये वापस मिल गए, लेकिन 88 लाख 68 हजार रुपये की चपत तो लग ही गई है. शातिर ठग ने प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से 8 अलग-अलग चेक लगाकर 88 लाख 68 हजार निकाले हैं. बिहार के राम आसरे के नाम से ये चेक दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में लगाए गए. पीएनबी बैंक की क्लियरिंग शाखा ने एक चेक जिसमें कटिंग थी, उसको भी क्लियर कर दिया. नगर परिषद के अधिकारी जब आईडीबीआई बैंक में खाते की डिटेल निकलवाने गए, तब इस मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए लाभांवित व्यक्ति को कुल मिलाकर ढाई लाख रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं. इसके लिए भी पीएफएमएस पोर्टल के जरिए सीधे खाते में पैसा ट्रांसफर किया जाता है, न कि चेक के जरिए. नगर परिषद ने आईडीबीआई बैंक से इस खाते के एवज में कोई चेकबुक भी नहीं ली. बावजूद इसके प्रधानमंत्री आवास योजना के खाते से परिषद का चेक बनाकर पैसे उड़ा लिए गए. जब इस खाते में पैसे दो लाख से कम रह गए तो शातिर ठग ने म्यूनिसिपल फंड के दूसरे खाते से पैसे निकालने का काम शुरू किया. 24 अगस्त का चेक लगाकर एक्सिस बैंक के खाते से 9 लाख 93 हजार निकाल लिए. 25 अगस्त का भी एक चेक लगभग इतने ही अमाउंट का लगाया गया है. आईडीबीआई खाते से हुई लूट की भनक लगते ही परिषद अधिकारियों ने एक्सिस बैंक में लगे चेक पर आपत्ति जताई, जिसके बाद एक्सिस बैंक ने एक चेक की पेमेंट रुकवा दी और जिस चेक के एवज में पेमेंट कर दी थी, उस पेमेंट को वापिस परिषद खाते में डाल दिया.

नगर परिषद के खाते से हुई लूट की लिखित शिकायत मिलते ही पुलिस ने आईपीसी की चार धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. शहर थाना पुलिस प्रभारी सुनील ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया है और तमाम सबूत जुटाए जा रहे हैं. बैंक अधिकारियों और नगर परिषद अधिकारियों से भी बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द मामले का सुलझा लिया जाएगा.

बैंकों से चैक क्लियर कराने का एक सेट पैटर्न है. जिस बैंक में चेक क्लियर कराने के लिए लगाया जाता है, वह बैंक उस बैंक की क्लियरिंग शाखा में चेक भेजता है, जिसमें संबंधित खाता होता है. फिर क्लियरिंग शाखा उस शाखा से क्लियरिंग संबंधित बात करता है, जहां पर मूल रूप से खाता खोला गया है. इस हिसाब से दिल्ली की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा और फिर आईडीबीआई की क्लियरिंग शाखा और बहादुरगढ़ की आईडीबीआई ब्रांच इस पूरे फ्रॉड में कहीं न कहीं मिली हुई है. अब ये मिलीभगत एक प्वांइट पर है या फिर तीनों प्वाइंटों पर इसकी जांच पुलिस कर रही है.

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