वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरूक्षेत्र 29 नवंबर : कुरुक्षेत्र एवं जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. सुदेश जाटियान के मार्गदर्शन में आयुष विभाग कुरूक्षेत्र द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर निशुल्क आयुष चिकित्सा शिविर व प्रदर्शनी एवं योग शिविर का शुभारम्भ जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा0 सुदेश जाटियान द्वारा भगवान धन्वतरी जी प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलीत कर किया गया। जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. सुदेश जाटियान द्वारा बताया गया कि हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी विभाग द्वारा आयुष चिकित्सा शिविर एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आयुष ओपीडी, होम्योपैथी, योग एवं औषघ्य दृव्य, रसोई चिकित्सा एवं मर्म चिकित्सा आदि आकर्षण का केन्द्र है। विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी की लोगों द्वारा काफी सराहना की जा रही है। इसके अतिरिक्त लोगों को तुलसी, जडी-बूटियों एवं घरेलू चिकित्सा की उपयोगिता बारे भी जानकारी दी जा रही है। शिविर में विभाग के अनुभवी विशेषज्ञों डा. महिपाल सिंह, डा. सन्दीप गुप्ता, डा. मेनका, डा. शुभम होम्यों विशेषज्ञ द्वारा लोगो का आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से ईलाज एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श तथा रोगियों को निशुल्क औषधियों वितरित की जा रही है। इसके अतिरिक्त शिविर में विभिन्न रोगों एवं शारीरिक व मानसिक रोगों में पंचकर्म एवं योग चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता बारे जानकारी भी दी जा रही है। जिला आयुर्वेद अधिकारी ने बताया कि अब तक 200 लोगों द्वारा ने आयुष पद्धति से चिकित्सकीय लाभ लिया है। शिविर में आने वाले लोगो को अधिक से अधिक स्वास्थ्य लाभ देने हेतू विभाग द्वारा चिकित्सको की शिफ्ट वाईज डियूटियों लगाई गई है। इसके साथ-साथ आयुष विभाग द्वारा स्थापित स्टाल नंबर 453-454 पर आयुर्वेद पर आधारित घरेलू नुक्से, रसोई चिकित्सा, ऋतु चर्या, अपने आसपास उपलब्ध जड़ी बुटियों की गुण-धर्म व उपयोगिता तथा योग से सम्बन्धित प्रदर्शनी लगाई गई है। मंजीत सिंह योग विशेषज्ञ, दीक्षा, हरदीप सिंह एवं सोनम आदि योग सहायकों द्वारा योग का अभ्यास करवाया गया। डा. सुदेश जाटियान द्वारा सभी लोगो को इस शिविर एवं प्रदर्शनी से अधिक से अधिक स्वास्थ्य लाभ लेने बारे आवहान किया गया है। Post navigation अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में प्रसिद्घ फिल्म अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि नजर आएंगी द्रौपदी के रुप में : नेहा सिंह देश की खूबसूरती के दर्शन होते है गीता स्थली कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर : मोहन लाल बड़ौली