कहा- जनता को धोखा देकर उनके भरोसे से खेल रही है भाजपा

चंडीगढ़, 28 नवंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा हे कि हरियाणा में जमीन के कलेक्टर रेट बढ़ने से आम लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ेगा। हालांकि, इससे सरकार को फ़ायदा होगा और राजस्व में बढ़ोतरी होगी। सरकार को अपने फायदे से ज्यादा आमजन के बारे में पहले सोचना चाहिए, साथ ही उन्होंने कहा है कि प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन की मांग को ध्यान में रखते हुए फिर से इस पर विचार करते हुए लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि समय से पूर्व कलेक्टर रेट बढ़ाकर भाजपा सरकार ने न केवल जनता को धोखा देकर उनके भरोसे के साथ खेल रही है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि कलेक्टर रेट बढ़ने से जमीनों की खरीद-फऱोख्त पर असर पड़ता है। कलेक्टर रेट तय होने के बाद उससे कम कीमत में जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती। प्रदेश में नए कलेक्टर रेट 01 दिसंबर से लागू हो गए हैं और 31 मार्च 2025 तक मान्य रहेंगे। उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार एनसीआर के तहत आने वाले जिलों से सबसे ज्यादा कलेक्टर रेट बढ़ाने जा रही है। इनमें रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत जिले शामिल हैं। इन जिलों में कलेक्टर रेट 30 प्रतिशत तक बढ़ाने की संभावना है। अन्य जिलों में कलेक्टर रेट 06 से 15 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। सरकार ने उपायुक्तों को एक दिसंबर से बढ़े हुए कलेक्टर रेट पर जमीन की रजिस्ट्रियां करने संबंधी परिपत्र जारी कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि पहले लोकसभा और बाद में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा सरकार ने कलेक्टर रेट ये सोचकर नहीं बढ़ाए थे कि कही जनता नाराज न हो जाए और अब समय से पूर्व बढ़ाकर जनता के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि जब नए वित्त वर्ष में एक अपै्र्रल से रेट बढाए जाते है तो मार्च 24 तक रेट क्यों बढाए गए है, सरकार को ये रेट एक अप्रैल से ही बढा़ए जाने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इसके लिए समय दिया जाना चाहिए था क्योंकि कलेक्टर रेट तय होने के बाद उससे कम कीमत में जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती। उन्होंने कहा है कि प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन की ओर से कहा जा रहा है कि जल्दबाजी में लिया गया निर्णय उन लोगों के गले की फांस बनेगा जिनके पास स्टांप डयूटी पुराने कलेक्टर रेट पर है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन की मांग पर विचार करना चाहिए।

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