हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य भविष्य निधि ) नियम 2016 को संशोधित किया

चंडीगढ़, 9 मई – हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य भविष्य निधि ) नियम 2016 को संशोधित किया है। अब ये नियम हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य भविष्य निधि )संशोधन नियम , 2023 कहे जा सकते हैं।           

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य भविष्य निधि ) नियम 2016 में , नियम 22 में खंड (ख ) के स्थान पर अग्रलिखित खंड प्रतिस्थापित किया जायेगा , अर्थात अधिकतम मासिक अंशदान अब अंशदायी के मूल वेतन तक तो होगा परन्तु एक वित्तीय वर्ष में मासिक अंशदान की राशि उस वित्तीय वर्ष में जमा किये गए बकाया अंशदान की राशि सहित पांच लाख रूपये की अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होगी।  इसकी कटौती 12 किस्तों या 41667 रुपये प्रति माह ( पांच लाख रुपये की अधिकतम सीमा के अध्यधीन ) ,जो भी कम हो , में होगी।         

  नए निर्णय के अनुसार उपरोक्त सीमा किसी कर्मचारी , जो नई पेंशन स्कीम से पूर्व में लागू पेंशन स्कीम में स्थानांतरित किया जाता है , के नई पेंशन स्कीम खाते से सामान्य भविष्य निधि खाते में संचित स्थायी राशि के अंतरण के मामले में लागू नहीं होगी।  अग्रिम (वापसी योग्य ) के लिए अंशदायी द्वारा जमा की गई राशि उपरोक्त अधिकतम सीमा हेतु लागू नहीं होगी।

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हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2016 के नियम 54 में ‘पेंशन वितरण प्राधिकारी’ शब्द को ‘पेंशन स्वीकृति प्राधिकारी’ के रूप में संशोधित किया

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नियम, 2016 और हरियाणा सिविल सेवा (सुनिश्चित करियर प्रगति) नियम, 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान

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