-बोले, सेक्यूलर हिंदू सारी समस्याओं की जड़-देश को बचाने में संतों की रही है बड़ी भूमिका गुरुग्राम। संत जो जीता है वही बोलता है। इसलिए संतों की बातों को बड़े ध्यान से सुनना चाहिए। काफी संकटों के बाद भी अगर हम बचे हैं तो संतों के कारण ही बचे हैं। आज देश जनसंख्या असंतुलन के दौर से गुजर रहा है। इस संकट से उबरने के लिए हमारे संतों ने हरी झंडी दिखा दी है। यह बात भारत सुरक्षा मंच के संस्थापक सूर्यकांत केलकर ने रविवार को यहां भारत रक्षा मंच द्वारा असंतुलित जनसंख्या वृद्धि एवं जनसंख्या नियंत्रण कानून विषय पर विशेष सेमीनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कही। सूर्यकांत केलकर ने आगे कहा कि बहुत प्रयास करने बाद और संकट उठाने के बाद भी हम भारत में 80 प्रतिशत हैं। उन्होंने कहा मुस्लिम देशों का जिक्र करते हुए कि 1400 साल पहले जिनके पांच गांव नहीं थे, आज उनके 56 देश हैं। 2000 साल पहले जिसका जन्म नहीं हुआ था, उनके 200 देश हैं। पूरे विश्व में भारत से ही सब कुछ हुआ फिर भी हम 20 प्रतिशत बचे हैं। श्री केलकर ने कहा कि इरान और इराक लगभग 30 साल मुस्लिम देश बनें किसी ने कोई विरोध नहीं किया। लेकिन सेक्यूलर के कारण हम चुप रह जाते हैं। यही चुप्पी हमरे विनाश का कारण बनीं। उन्होंने यह भी कहा सेक्यूलर हिंदू सारी समस्या की जड़ है। पूरी दुनिया में असंतुलन का कारण है जनसंख्या: प्रबोधानंद गिरीसेमिनार को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी जी ने कहा कि जनसंख्या बढऩे से संतुलन बिगड़ा हुआ है। भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में जनसंख्या असंतुलन की समस्या है। उन्होंने हिंदू समाज का आह्वान करते हुए कहा कि अब हम दो हमारे दो नहीं बल्कि आठ बच्चे पैदा करने होंगे जब ही हम सुरक्षित रह सकेंगे। उन्होंने नेताओं पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि भारत में जनसंख्या के असंतुलन के लिए नेताओं की बड़ी भूमिका रही है और हिंदू समाज ने पूरा सहयोग किया है। सेमिनार में उन्होंने रिश्तों की गरिमा को भी बखूबी समझाया है। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना होगा: विजय शंकरविजय शंकर तिवारी ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र घोषित करना होगा। असंतुलित जनसख्ंया वृद्धि को रोकने के लिए सशक्त कार्यक्रम करने होंगे। अगर भरत में मुस्लिमों की जनसंख्या पर रोक नहीं लगी तो आने वाले समय में विनाश संभव है। डा. प्रदीप सिंघल ने कहा कि भारत रक्षा मंच की स्थापना का उद्देश्य जनसंख्या पर नियंत्रण रहा है। इस विषय को समझना महत्वपूर्ण हैं। यह धर्म और सस्कृति से जुड़ा है। इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो संस्कृति और सभ्यता का विनाश निश्चित है। लोकतांत्रिक देश है भारत: धर्मबीर गर्गकार्यक्रम के संयोजक धर्मबीर गर्ग ने कहा कि भारत रक्षा मंच की स्थापना 27 जून 2010 को हुई थी। रक्षा मंच का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या पर नियंत्रण करवाना है। उन्होंने समाज को चेताते हुए कहा कि हिंदू भारत में जिस दिन 60 प्रतिशत हो जाएगा, उसी दिन देश में इस्लामीकरण हो जाएगा। भारत लोकतांत्रिक देश है और यहां वोटों की बड़ी मान्यता है। दूसरे देशों से आने वाले घुसपैठियों पर भी उन्होंने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि देश में इस समय 4 पांच 5 करोड़ मुस्लिम घुसपैठियें घुसे हुए हैं जिनको खदेडऩा बहुत जरूरी है। बढ़ती आबादी ज्वलंत समस्याओं में से एक: नवीन गोयलइस सेमीनार के सह-संयोजक नवीन गोयल ने कहा कि नवीन गोयल ने कहा कि भारत में ऐसा कानून बनना चाहिए जो जो घुसपैठियों की मदद करने वालों को दंडित कर सके। हमारी सरकार बहुत सालों से जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दे रही है।उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ती आबादी देश की ज्वलंत समस्याओं में से एक है। इस पर नियंत्रण के हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में बाहरी लोगों की वेरीफिकेशन बहुत जरूरी है। यहां अनेक लोग ऐसे रहते हैं, जो कि किसी न किसी रूप में अपराध को अंजाम देते हैं। श्री गोयल ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ जी ने उनसे इस विषय पर चर्चा की और इस पर काम करने को प्रेरित किया। हर तरीके से अगर विकास करना है तो ऐसे विषय पर खुलेआम चर्चा होनी चाहिए। हम सबको इस विषय पर बात करनी चाहिए। संतुलन होना बहुत जरूरी है। कुछ दिन पहले नमाज को लेकर भी यहां विवाद हुआ। मुद्दा प्रमुखता से उठाया। जो चाहरदीवारी में धर्म के नाम पर योजना बनाते हैं, कुछ ताकतें ऐसी हैं जो बांटने का काम करती हैं। हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि धर्म के नाम पर बांटने वालों के खिलाफ हैं। उनका विरोध करते हैं। झुगिगयों में रोहिंगया मुसलमानों ने यहां प्रवेश कर लिया था, जिन्हें हम सबने विरोध करके यहां से भगाया। आज पूरे देश में जितनी भी समस्याएं हैं, चाहे स्वास्थ्य, शिक्षा, अपराध की हो, आज उन सबका कारण बढ़ती जनसंख्या ही है। हमारा देश 130 करोड़ से अधिक जनसंख्या का देश है। पूरे विश्व की जनसंख्या का हम 18 प्रतिशत है। विश्व का पानी 4 प्रतिशत, वन क्षेत्र ढाई प्रतिशत है। हमें इस बात की चिंता करनी होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो समस्याएं और बढ़ेंगी। हम नहीं जागे तो आगे समस्याएं बहुत आएंगी। सोशल मीडिया पर सकारात्मक बातें करें। लोगों को जागरुक करें। Post navigation ब्रह्माकुमारीज़ विश्व को शान्ति और प्रेम के सूत्र में बाँध रही: ओम बिड़ला स्कूलों को अपग्रेड, दो नए कालेज बनाने की मांग पर सीएम व शिक्षा मंत्री से मिले नवीन गोयल