पटौदी के शहीद स्मारक पर 1971 के शहीदों को किया याद. टेसवा अध्यक्ष राजेंद्र व अन्य सैनिकों ने अर्पित की श्रद्धांजलि. रणबांकुरे, योद्धाओं, शहीदों के रणकौशल बच्चों को भी बताएं फतह सिंह उजालापटौदी । सैनिकों और शहीदों का हम सभी को जीवन पर्यंत सम्मान करना चाहिए। सैनिक, अर्धसैनिक अथवा किसी अन्य सुरक्षा बल में कार्यरत सुरक्षाकर्मी आज के हालात में सबसे अधिक सम्मान का हकदार है । आजाद भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह सैनिकों ,सुरक्षाबलों और शहीदों का अवश्य सम्मान करें । यह बात पटौदी के एसडीएम जो कि पूर्व सैन्य अधिकारी रह चुके हैं, प्रदीप कुमार के द्वारा गुरुवार को 1971 के युद्ध के शहीदों के सम्मान में कहीं गई । इसी मौके पर पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार की अगुवाई में पटौदी के शहीद स्मारक पर टेसवा के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह यादव, पूर्व कैप्टन कंवर सिंह, पटौदी नगर पालिका के चेयरमैन चंद्रभान सहगल, राय सिंह चौहान, हीरो ऑफ नेफा भारत चीन 1962 युद्ध के शहीद दलीप सिंह के भाई पूर्व बैंक अधिकारी सतपाल चौहान, पूर्व बैंक अधिकारी विजयपाल चौहान, सुनील दोचानिया, राय सिंह चौहान, मेहर चंद शास्त्री व अन्य के द्वारा शहीद स्मारक पर 1971 के शहीदों को याद करते हुए नमन किया और 2 मिनट का मौन रखते हुए अपनी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की । इस मौके पर सैन्य अधिकारी राजेंद्र यादव और कैप्टन कंवर सिंह ने कहा कि आज के माहौल में सीमा सहित देश के अंदर भी विभिन्न सुरक्षा बलों में कार्यरत जवानों को कई मोर्चों पर ज्ञात और अज्ञात शत्रुओं से लोहा लेना पड़ रहा है । बदलते समय और तकनीक के साथ दुश्मन के द्वारा हमला करने की नई नई तकनीक अपनाई जा रही है । भारतीय सेना में थल सेना ,वायु सेना, सेना ,सीआईएसफ, बीएसएफ सहित अन्य तमाम सुरक्षा बलों में कार्यरत पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मी हर पल चौकन्ना रहते हुए दुश्मन की किसी भी प्रकार की चाल को नाकाम करने के लिए मुस्तैद रहते हैं । यही कारण है कि आज हम बेखौफ होकर अपने आप को सुरक्षित रखे हुए हैं । सबसे अधिक चुनौती और कौशल का समय युद्ध काल होता है और ऐसे समय में ही सैनिकों सहित सुरक्षाबलों के द्वारा जो अदम्य साहस दिखाकर बिना किसी स्वार्थ के राष्ट्रहित देशवासियों की रक्षा के लिए आत्म बलिदान किया जाता है, वह सर्वाेच्च बलिदान होता है । आज जरूरत इस बात की है कि हमें अपने घर परिवार में बच्चों को सैनिकों, शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में अधिक से अधिक जानकारी देते हुए उनके विषय में बताया जाना चाहिए। जिससे कि हमारी आने वाली युवा पीढ़ी में भी राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति की भावना हिलोरे लेती रहें। Post navigation जुलूस और जलसा नहीं…बस जिंदा बने रहे जज्बात 200 बच्चों को दी कृमि नाशक, कैल्शियम एवं आयरन की मेडिसन