भाजपा गठबंधन सरकार ने प्रदेश को विकास नहीं विनाश की तरफ धकेल दिया है: अभय सिंह चौटाला

किसानों को सडक़ों पर बैठा दिया, कमेरे वर्ग से उसका रोजगार छीनकर घर बैठा दिया
डीएपी खाद के लिए किसान सुबह 5 बजे लाइन में लगता है फिर भी खाद नहीं मिल रहा
भाजपा गठबंधन सरकार ने प्रदेश में चारों तरफ अफरा तफरी और भय का माहौल बना दिया है
मुख्यमंत्री झूठा श्रेय लेने की बजाय खराब फसल के मुआवजे को बढ़ा कर 50 हजार रूपए प्रति एकड़ करे ताकि किसान की फसल खराब होने पर उसे उसकी लागत मिल सके

चंडीगढ़, 9 नवंबर: ऐलनाबाद उपचुनाव जीतने के बाद सोमवार को शपथ लेकर पांचवीं बार विधायक बने अभय सिंह चौटाला ने भाजपा गठबंधन सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि मुख्यमंत्री झूठा दावा कर रहे हैं कि उनके कार्यकाल में प्रदेश में विकास हुआ है। भाजपा सरकार के पांच साल और गठबंधन के दो साल मिला कर सात सालों में इन्होंने प्रदेश को विकास नहीं विनाश की तरफ धकेल दिया है। इन्होंने जहां काले कृषि कानून बना कर किसानों को सडक़ों पर बैठा दिया है वहीं कमेरे वर्ग से उसका रोजगार छीनकर घर बैठा दिया है। लाठीचार्ज कर किसानों को बुरी तरह से पीटा जा रहा है जिससे बहुत से किसान गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। भाजपा गठबंधन सरकार अन्नदाता पर धारा 307 और देशद्रोह की धारा 124ए के तहत मुकदमे दर्ज कर जुल्म ढाने की सारी हदें पार कर चुकी है। डीएपी खाद के लिए किसान सुबह 5 बजे लाइन में लगता है फिर भी खाद नहीं मिल रहा। भाजपा सरकार ने प्रदेश में चारों तरफ अफरा तफरी और भय का माहौल बना दिया है।

मुख्यमंत्री किसान की खराब हुई फसल का मुआवजा 12 हजार से 15 हजार बढाकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं जबकि उन्हें यह नहीं पता कि किसान को प्रति एकड़ फसल की बुआई और कढ़ाई का खर्च कितना आता है। धान और कपास की फसल प्रति एकड़ औसतन लगभग 20 और आठ क्विंटल होती है जिसका कृषि लागत और मूल्य आयोग के आंकलन के हिसाब से धान की फसल पर 1940 रूपए प्रति एकड़ और कपास की फसल पर 5255 प्रति एकड़  खर्च आता है जो 40 हजार प्रति एकड़ बनता है इसके अलावा और खर्चे जोड़े जाएं तो दोनों फसलों पर प्रति एकड़ खर्च 45 से 50 हजार होता है। मुख्यमंत्री झूठा श्रेय लेने की बजाय खराब फसल के मुआवजे को बढ़ा कर 50 हजार रूपए प्रति एकड़ करे ताकि किसान की फसल खराब होने पर उसे उसकी लागत मिल सके।

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