साहित्य हिसार लेखक अपनी दुनिया खुद बनाता है और समाज में निराशा नहीं फैलाता : ममता कालिया 02/07/2022 bharatsarathiadmin कमलेश भारतीय लेखक अपनी दुनिया खुद बनाता है । अपने से लेखन शुरू जरूर करता है लेकिन अपने साथ खत्म नहीं करता बल्कि समाज के साथ खड़ा होता है ।…
साहित्य हिसार परंपराओं को तोड़ने वाली रही जिंदगी भर , पांच रुपये में हुई मेरी शादी : चित्रा मुद्गल 30/06/2022 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय मैं बचपन से ही वह लड़की रही जो परंपराओं को तोड़ती आई । जो अरहर के घने खेतों के बीच किसी जानवर के छिपे होने के भय और…
साहित्य हिसार पंजाब के लेखक शिद्दत से याद आते हैं : से. रा. यात्री 29/06/2022 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय पंजाब के लेखक बहुत शिद्दत से याद आते हैं मुझे। लगभग छत्तीस साल का साथ रहा है मेरा प्रसिद्ध लेखक उपेंदारनाथ अश्क के साथ और मेरा नाम भी…
गुडग़ांव। साहित्य लाडो कटारिया का लघुकथा संग्रह ‘ मेरी मिनी’ लोकार्पित 27/06/2022 bharatsarathiadmin शब्द शक्ति साहित्यिक संस्था ने किया आयोजन गुरुग्राम – शब्द शक्ति साहित्यिक संस्था गुरुग्राम के तत्त्वावधान में द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय न्यू रेलवे रोड, गुरुग्राम में 26 जून, 2022 रविवार को…
साहित्य हिसार लघु कथा ……… अरे ,,,,ऐसा ? 26/06/2022 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय अपने ऑफिस के सामने एक छोले भटूरे की रेहड़ी पर जब एक महिला को देखा तो थोड़ा चौंकना स्वाभाविक था । आज से पहले तो कोई पुरूष ही…
भिवानी साहित्य जीवन में छोटी चीजों का आनंद ले…… “इस लम्हे में खुश रहिये। ये लम्हा ही ज़िंदगी है।” 24/06/2022 bharatsarathiadmin सत्यवान ‘सौरभ’……….रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट, जीवन में छोटी चीजों का आनंद लें क्योंकि एक दिन आप पीछे मुड़कर देखेंगे और महसूस करेंगे कि वे…
साहित्य हिसार साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती , मेरी किताब के विदेशी अनुवाद से पैसे मिले : बेबी हालदार 21/06/2022 bharatsarathiadmin -कमलेश भारती साहित्य से रोजी रोटी नहीं चल सकती । मेरी पहली ही किताब इतनी चर्चित हूई कि देश विदेश की 27 भाषाओं में अनुवाद हुई जिससे मुझे पैसे मिले…
साहित्य हिसार दूसरों से बदला लेते लेते हम समाज में बदलाव लाना भूल गये : रमेश शर्मा 20/06/2022 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय दूसरों से बदला लेने लेते हम समाज में , देश में बदलाव लाना ही भूल गये । हम प्रकृति से , समाज से और देश से बदला लेने…
साहित्य हिसार लघुकथा …….चौराहे का दीया 20/06/2022 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय दंगों से भरा अखबार मेरे हाथ में है पर नजरें खबरों से कहीं दूर अतीत में खोई हुई हैं । धर मुंह में लार टपकती उधर दादी मां…
साहित्य हिसार साहित्य का ‘उन्मेष’ होना बहुत जरूरी 18/06/2022 bharatsarathiadmin -कमलेश भारतीय साहित्य का समाज स्थान तो है लेकिन अब आमजन के घरों में इसका प्रवेश निषेध जैसा है । पहले आमजन के घरों में कोई न कोई पत्रिका या…