Category: साहित्य

गीता जयंती के उपलक्ष्य में विचार एवं काव्य गोष्ठी

अखिल भारतीय साहित्य परिषद, गुरुग्राम इकाई ने किया आयोजन अखिल भारतीय साहित्य परिषद, गुरुग्राम इकाई द्वारा ‘गीता जयंती’ के उपलक्ष्य में विचार एवं काव्य गोष्ठी गूगल मीट के आभासी मंच…

समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करता रहूं , बस इतनी सी इच्छा: अशोक गर्ग

-कमलेश भारतीय समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करता रह सकूं , इतनी सी इच्छा है । यह कहना है हिसार नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग का । इससे…

साहित्य अकादमी पंचकूला द्वारा अवार्ड समारोह व कवि सम्मेलन का आयोजन

पंचकूला, 30 नवंबर। एमके साहित्य अकादमी पंचकूला द्वारा वेबिनार के जरिये कवि सम्मेलन व अवार्ड समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान शहर के कवियों के अलावा दूसरे शहर के…

लघुकथा/ पैंतरे

–अशोक जैन, गुरुग्राम दिन चुनावों के थे और उन्हें मालामाल कर दिया गया। जेबें भारी होकर लटकने लगीं तो उन्हें चारों दिशायें गुलाबी दिखाई देने लगीं। तब उनके कदम खुद…

लघु कहानी : नींद से जाग,डा. सुरेश वशिष्ठ

नींद से जाग अजीब लगता है ये शहर। इसके बाशिन्दे और इसके आसमान पर छाए बुलन्द सितारे ! सभी घृणित बिन्दु लगते हैं। आभास होता है कि रास्ता भटक गया…

लघु कहानी : कामिनी, डा. सुरेश वशिष्ठ

कामिनी सलोनी और मासूम लड़की थी कामिनी । सुंदर मुख, फैली केशराशि, लंबी नाक और भूरी आंखें । चेहरे पर मुस्कान और शरारती नजरें । उसके पास से जो भी…

लघु कहानी: मधुवंती

डा.सुरेश वशिष्ठ मधुवंती कब दिल में उतर गई पता ही नहीं चला। अधरों पर मुस्कान लिए टेढ़ी नजरों से निहारती हुई कब दिल में बैठ गई और कब प्रीत अंकुरण…

पत्रकारिता में जन सरोकार खत्म हो गये, अन्वेषण और शोध की परंपरा नहीं रही : पंकज चतुर्वेदी

कमलेश भारतीय आज सबसे दुख की बात यह है कि पत्रकारिता में जन सरोकार खत्म हो गये । पहले की तरह अन्वेषण और शोध की परंपरा भी नहीं रही ।…

सामाजिक चेतना को जागृत करती कहानियां

संगीता श्रीवास्तव सुमनछिंदवाड़ा मप्र कथाकार कमलेश भारतीय जी का सातवाँ कथा संग्रह “यह आम रास्ता नहीं है”, इंडियानेटबुक्स से प्रकाशित हुआ है | कुल 16 कहानियों और 122 पेज की…

error: Content is protected !!