Category: विचार

शांत रहिये, इमोजी यूज कीजिये और खुश रहिये

(हमारी भावनाओं को बगैर सामने रहे भी जाहिर करने का बेहतरीन जरिया हैं इमोजी।) —-प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, इमोजी हमारी भावनाओं का संकेत…

एक शख्सियत : श्री आलोक सागर….संत जैसा जीवन जीना इसी का नाम है

अशोक कुमार कौशिक आई आई टी दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिग्री , ह्यूस्टन से पी एच डी , टैक्सास से पोस्ट डाक्टरेट , पूर्व आर बी आई गवर्नर श्री…

क्या आप इस महापुरुष को जानते हैं ?

-किसी देवदूत से कम नही है डाक्टर तपन कुमार लहरी अशोक कुमार कौशिक उन्हें किसी भी दिन शहर के अन्नपूर्णा होटल में पच्चीस रुपए की थाली का खाना खाते हुए…

पायलट ज्यादा मजबूत है सिंधिया के मुकाबले

-जिन लोगों से लड़ते लड़ते उन्होंने जीवन गुजार दिया,उसी के साथ जाना, बड़ा ही असमंजस में डालने वाला -राहुल गांधी अपने ही नाराज नेताओं से क्यों नहीं मिलते? क्या इंदिरा…

साइकल्स फॉर चेंज से लौटेगी अब साइकिल

(कोरोना संकट के दौर में परिवहन के लिए साइकिल एक मुफीद साधन है) -डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,दिल्ली यूनिवर्सिटी,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट, कोरोना…

महामारी में कहाँ दुबक गए सारे एनजीओ?

( अरबों की सरकारी और विदेशी सहायता इनकी जेबों में, पूछे कौन सवाल ) —डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,दिल्ली यूनिवर्सिटी,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,…

पुलिस इनकाउंटर से जान बचा कर मुलायम सिंह यादव इटावा से साइकिल से खेत-खेत दिल्ली भागे थे : एक पुरानी याद

बहुत कम लोग जानते हैं कि जब विश्वनाथ प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री थे तब मुलायम सिंह यादव को इनकाउंटर करने का निर्देश उत्तर प्रदेश पुलिस को दे…

असली चेहरा तो नक़ाब में ही रह गया, सांप भी मर गया, लाठी भी नहीं टूटी

( सोची समझी योजना सफल , भ्रष्ट राजनेता और पुलिस वाले बने नायक ) – —प्रियंका सौरभ. रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, अंततः विकास दुबे…

ज़िंदगी और फिल्म , कितनी पास, कितनी दूर ,,,,,?

-कमलेश भारतीय यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे की कहानी का द एंड होने के बाद हमारे हिसार की बहू और प्रसिद्ध एक्टर यशपाल शर्मा की एक्ट्रेस पत्नी प्रतिभा सुमन ने…

घरेलू कामगारों की अहमियत कब समझेंगे हम?

इनकी असुरक्षा और हीनता की भावनाएँ किसी के लिए मानवीय दृष्टिकोण वाली क्यों नहीं है —-प्रियंका सौरभ. रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार घरेलू कामगारों की बात…

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