Category: देश

उत्तर भारतीय ब्राह्मण दूर की सोचते हैं … हम क्यों नहीं करते रक्षा बन्धन पर भद्रा का विचार : डा. महेन्द्र शर्मा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक पानीपत : प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डा. महेन्द्र शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह से भद्रा भद्रा करने वाले ब्राह्मण महानुभाव ज़रा विचार करें कि मान लो आज…

धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर …… हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए।

महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान…

लेटरल इंट्री से 45 आईएएस पदों की बिना आरक्षण भर्ती आरक्षण खत्म करने का षडयंत्र नही तो क्या है? विद्रोही

लोकसभा चुनाव होते ही व मोदी-एनडीए सरकार बनने के बाद अब लेटरल इंट्री सेे बिना आरक्षण के संघ लोकसेवा आयोग 45 संयुक्त सचिव, निदेशकों, उप निदेशकों के पदों की भर्ती…

फिर निर्भया कांड, फिर मोमबत्तियां ………… एक रेपकांड, जगहें बदलता

-कमलेश भारतीय कभी स्वर्गीय डॉ नरेंद्र मोहन ने देश के अलग अलग हिस्सों में साम्प्रदायिक उन्माद, दंगे फैलने के बाद होने वाली आगजनी पर लम्बी कविता लिखी थी-एक अग्निकांड जगहें…

रक्षा बन्धन का आध्यात्मिक रहस्य ……….

बीके मदन मोहन ………… ओम शांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम रक्षा बन्धन का त्योहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पारम्परिक रूप से बहनों एवं भाइयों के आपसी…

 विनेश फोगाट का पहला रिएक्शन, सिल्वर मेडल की अपील खारिज होने पर, मेरी बारी में तू रब्बा सोता रह गया

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में उनको पेरिस ओलंपिक में संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग ठुकराने के बाद पहला रिएक्शन दिया है.…

10 वर्षों के बाद अभी भी हम कुंठाओं से आजाद नहीं हुए !

78 वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रहित में मंगलमय हो डॉ महेन्द्र शर्मा “महेश” पानीपत मेरी माता श्री कहती हैं कि ऊंट अपने मन से कभी भी वैर बाहर नहीं निकलता,…

स्वतंत्रता दिवस के गानों में ……. ऐ मेरे वतन के लोगो और रंग दे बसंती

–कमलेश भारतीय हिसार : जैसे जैसे स्वतंत्रता दिवस निकट आता है, वैसे देशभक्तिपूर्ण गीतों की एक लहर सी आ जाती है । ये गीत युवा पीढ़ी में देशभक्ति का ज़ज़्बा…

हर घर तिरंगा अभियान ………….. रखें ध्वज का मान

अपना राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा। इसको लहराते देख गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है। इस के सम्मान में इसे सैल्यूट करने का मन चाहता है। हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का…

संपादक का वेतन : दो सूखी रोटी ??

–कमलेश भारतीय क्या आज यह मुमकिन हैं कि संपादक का वेतन दो‌ सूखी रोटी, एक गिलास ठंडा पानी और दस साल काले पानी की सज़ा! फिर भी इलाहाबाद से प्रकाशित…

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